🕉️ त्र्यंबकेश्वर क्षेत्र में काल सर्प दोष शांति
भगवान शिव, जो भय और चिंता को दूर करने वाले और शांति देने वाले देव हैं, उनकी त्र्यंबकेश्वर क्षेत्र में खास पूजा का विधान है। यह तीर्थ स्थल पवित्र गोदावरी नदी (दक्षिण गंगा) के किनारे स्थित है। त्र्यंबकेश्वर तीर्थ क्षेत्र को कर्मों को शुद्ध करने और मोक्ष पाने के लिए बहुत शक्तिशाली माना गया है। इस बार राहु के शतभिषा नक्षत्र काल में काल सर्प दोष शांति पूजा और रुद्राभिषेक बेहद फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस अनुष्ठान से भक्तों को मानसिक स्थिरता और निडरता के साथ जीवन में आगे बढ़ने का आशीर्वाद मिलता है।
⚡ काल सर्प दोष का प्रभाव
काल सर्प दोष तब बनता है जब राहु और केतु, जो छाया ग्रह हैं, जन्म कुंडली में विशेष स्थिति में आते हैं। इससे मन में बेचैनी, डर, असफलता और जीवन में बार-बार अस्थिरता आ सकती है। कई बार लोग बिना किसी वजह के कठिनाइयों और देरी का सामना करते हैं। राहु और केतु भगवान शिव के भक्त माने जाते हैं। इसलिए रुद्राभिषेक और काल सर्प दोष शांति पूजा करने से शिव जी की विशेष कृपा मिलती है। यह पूजा मानसिक अशांति को कम करती है, भावनाओं को संतुलित करती है और जीवन की मुश्किलों का सामना करने की आंतरिक शक्ति दे सकती है।
✨ गोदावरी क्षेत्र में पवित्र पूजा
त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प शांति पूजा और रुद्राभिषेक गहन वैदिक अनुष्ठानों के साथ होते हैं। पवित्र गोदावरी नदी का जल आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाता है और कर्मों के सुधार के लिए खास वातावरण बनाता है। इस पूजा में भाग लेने वाले भक्तों को डर कम होने, ग्रहों के दोष संतुलित होने और जीवन में स्थिरता और समृद्धि का अनुभव होता है। यह नक्षत्र काल साधकों को भगवान शिव की सुरक्षा और उनकी निर्भीक शक्ति का अहसास कराता है। पूजा के दौरान साधक अपने जीवन में शक्ति, स्पष्टता और आध्यात्मिक संतुलन महसूस करते हैं। रुद्राभिषेक त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर में आयोजित होगा, वहीं काल सर्प दोष शांति महापूजा गोदावरी तीर्थ क्षेत्र में विद्वान पुरोहितों द्वारा संपन्न की जाएगी।
⚡ श्री मंदिर के माध्यम से आप इस पवित्र पूजा में भाग लेकर भगवान शिव की दिव्य कृपा का अनुभव कर सकते हैं और इस नक्षत्र विशेष अनुष्ठान से काल सर्प जैसे दोषों से राहत की दिशा पा सकते हैं। ⚡