जीवन में अक्सर कई तरह की परेशानियाँ हमें घेर लेती हैं। कई बार हमें यह भी समझ नहीं आता कि इनका कारण क्या है, जिससे मन भारी हो जाता है और तनाव बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में भगवान गणेश को वह शक्ति माना गया है जो इंसान को संकटों से उबारती है। पुराणों में उल्लेख है कि भगवान गणेश आठ स्वरूपों में पूजित हैं- वक्रतुंड, एकदंत, महोदर, गजानन, लंबोदर, विकट, विघ्नराज और धूम्रवर्ण। इनमें से सातवें स्वरूप ‘विघ्नराज’ की पूजा विशेष रूप से बाधाओं से छुटकारा पाने, नकारात्मकता से रक्षा करने और जीवन को सहज बनाने के लिए की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जब भक्त श्रद्धा से गणेश जी की आराधना करते हैं, तो वे अपने विघ्नराज स्वरूप में उनकी कठिनाइयों को हल्का कर देते हैं।
विशेषकर बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित माना गया है। धर्मग्रंथों में वर्णन मिलता है कि इसी दिन माता पार्वती ने भगवान गणेश का निर्माण किया था और उस समय कैलाश पर्वत पर बुधदेव भी उपस्थित थे। विनायक के दर्शन करके बुधदेव इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने अपना दिन, बुधवार, भगवान गणेश को अर्पित कर दिया। तभी से यह दिन गणेश जी की पूजा के लिए शुभ और प्रिय माना जाता है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि बुधवार को गणेश जी का स्मरण करने से जीवन की कठिनाइयाँ धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। इसी कारण उन्हें ‘विघ्नहर्ता’ कहा गया है, जो अपने भक्तों के मार्ग में आने वाले संकटों को दूर कर सरलता प्रदान करते हैं। इसी परंपरा के अनुसार, इस बुधवार उज्जैन के श्री चिंतामण गणेश मंदिर में विशेष गणेश विघ्नहर्ता पूजा और हवन का आयोजन हो रहा है।
श्री मंदिर के माध्यम से भक्त इस अनुष्ठान में शामिल होकर अपने जीवन की बाधाओं से राहत पाने की कामना कर सकते हैं। 🙏