🙏 कई बार ऐसा होता है कि बच्चा कोशिश भी करता है, परिवार भी पूरा सहयोग देता है, फिर भी पढ़ाई में रुकावटें आने लगती हैं — जैसे ध्यान न लग पाना, परीक्षा का डर, या पढ़ी हुई चीज़ समझ में न आना। हमारे सनातन धर्म में माना जाता है कि ऐसी स्थितियाँ केवल बाहरी समस्याएँ नहीं होतीं, बल्कि यह इस बात का संकेत है कि बच्चे के जीवन में विद्या और ज्ञान के प्रवाह को ईश्वरीय आशीर्वाद की आवश्यकता है। बाल दिवस का यह विशेष अवसर भगवान बाल गणपति, माँ सरस्वती और माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, ताकि बच्चों का सीखने और बढ़ने का मार्ग सरल और आनंदमय हो सके।
🙏 सनातन परंपरा में विद्या दान को सबसे श्रेष्ठ दान कहा गया है। शास्त्र बताते हैं कि पढ़ाई से जुड़ी किसी भी कठिनाई को दूर करने का सबसे प्रभावी मार्ग है — भगवान बाल गणपति की पूजा। पुराणों में वर्णित है कि भगवान गणेश ने अपने बाल स्वरूप में महर्षि व्यास जी के लिए महाभारत लिखी थी। इस दिव्य कार्य ने पूरे विश्व को ज्ञान का महान मार्ग दिया। उसी तरह, बाल गणपति की पूजा करने से बच्चे के जीवन में समझ, मन की शांति और सीखने की क्षमता बढ़ने का मार्ग खुलता है।
🙏 बाल गणपति विद्या विकास पूजा और सरस्वती–लक्ष्मी आशीर्वाद महायज्ञ इसी भावना के साथ किया जाता है। इस अनुष्ठान में पहले श्री गणेश और माँ सरस्वती का आह्वान किया जाता है। दूर्वा, बेलपत्र और सफेद पुष्प अर्पित किए जाते हैं, साथ ही विशेष मंत्र — “ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बाल गणपतये नमः” का जाप किया जाता है, जिससे मन में एकाग्रता और आनंद का संचार होता है। इसके बाद माँ लक्ष्मी और माँ सरस्वती की संयुक्त आरती की जाती है, जो यह समझाती है कि सच्ची शिक्षा वहीं फलती है जहाँ बुद्धि और अवसर दोनों साथ हों।
🙏 विद्या दान की भावना को आगे बढ़ाते हुए, श्री मंदिर की ओर से जरूरतमंद बच्चों को पुस्तकों और अध्ययन सामग्री का दान किया जाता है, जिसमें इस पूजा में शामिल सभी भक्तों का पुण्य शामिल होता है।
यह विशेष पूजा आपके बच्चे के जीवन में बुद्धि, स्पष्टता और प्रसन्नता का दिव्य आशीर्वाद लाने का माध्यम है।