🔥 एकादशी की पावन रात्रि में भक्ति का एक महाएकत्र होता है, जहाँ पाँच शक्तिपीठों – माँ ललिता, कालीघाट शक्तिपीठ, माँ विंध्यवासिनी, माँ उमा कात्यायनी और माँ महालक्ष्मी अंबाबाई में देवी की महाआराधना और महायज्ञ किया जाता है। इस विशेष अनुष्ठान में पंचदेवी की पूजा दीप, मंत्र और यज्ञ के माध्यम से की जाती है। कहा जाता है कि इस पूजा से माँ ललिता से सौंदर्य और सौभाग्य, माँ काली से सुरक्षा, माँ विंध्यवासिनी से शक्ति, माँ कात्यायनी से परिवार का सुख और माँ महालक्ष्मी से धन-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। विद्वानों के अनुसार, इस दिव्य रात्रि की साधना से जीवन में प्रकाश, शुभ फल और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
🔥 एकादशी महारात्रि में पाँच शक्तियों की सामूहिक पूजा पंचतत्वों की पूर्णता का संकेत मानी जाती है। माँ काली अग्नि तत्व का, माँ कात्यायनी वायु का, माँ विंध्यवासिनी जल का, माँ अंबाबाई पृथ्वी का और माँ ललिता आकाश का प्रतीक हैं। इस रात्रि यज्ञ और दीप आराधना से जीवन की परेशानियाँ, भय और अस्थिरता दूर होने लगती है। माना जाता है कि इस रात पंचदेवी की भक्ति से सुरक्षा, समृद्धि और जीवन में संपूर्णता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
5 शक्तिपीठों की महिमा:
🌕 मां कालीघाट शक्तिपीठ: पश्चिम बंगाल स्थित इस शक्तिपीठ में देवी सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। मां काली का यह रूप तामसिक शक्तियों का नाश कर भक्तों को निर्भयता और रक्षा का आशीर्वाद देता है।
🌕 मां ललिता शक्तिपीठ: मां ललिता त्रिपुरसुंदरी को सौंदर्य, सौभाग्य और आध्यात्मिक उन्नति की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। उनकी उपासना से शांति, विचारों में स्पष्टता और जीवन में आकर्षण, सुख-समृद्धि आती है।
🌕 महालक्ष्मी अंबाबाई शक्तिपीठ: कोल्हापुर स्थित यह शक्तिपीठ मां महालक्ष्मी को समर्पित है, जो असीम धन, वैभव और सुख की अधिष्ठात्री हैं। यहां की पूजा से आर्थिक स्थिरता, समृद्धि और गृहकल्याण की प्राप्ति संभव है।
🌕 मां विंध्यवासिनी शक्तिपीठ: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर स्थित यह शक्तिपीठ मां विंध्यवासिनी को समर्पित है, यहां की पूजा से साधक को आत्मबल, सफलता और पारिवारिक सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है।
🌕 मां उमा कात्यायनी शक्तिपीठ: मां उमा कात्यायनी, देवी दुर्गा का छठा स्वरूप हैं, जो साहस, विवाह-सौभाग्य और पारिवारिक सुख की अधिष्ठात्री हैं। उनकी पूजा से वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और मनोकामनाओं की पूर्ति संभव है।
🪔 ऐसा माना जाता है कि श्री मंदिर द्वारा आयोजित इस भव्य एकादशी महारत्रि अनुष्ठान में भाग लेने से भक्तों को पांच शक्तिपीठों का शुभ आशीर्वाद मिलता है, जिससे मानसिक अंधेरा, गरीबी और बाधाएं दूर हो सकती हैं। यह समारोह भक्तों को धन, सौभाग्य और आध्यात्मिक शांति से जोड़ने की शक्ति रखता है।