क्या आप शत्रुओं की चालों, कोर्ट-कचहरी के मामलों या कानूनी परेशानियों से परेशान हैं? ऐसे समय में भगवान शनिदेव और माँ बगलामुखी की संयुक्त पूजा बहुत प्रभावशाली मानी जाती है। यह माना जाता है कि कालाष्टमी के दिन इन दोनों देवताओं की आराधना करने से नकारात्मक शक्तियों का असर कम होता है और जीवन में शांति आती है। इस दिन की साधना से मन मजबूत होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है। भगवान शनि को न्याय का देवता माना जाता है। वे बुरे कर्मों को रोकते हैं और न्याय का मार्ग दिखाते हैं। वहीं माँ बगलामुखी को शत्रुओं की वाणी और बुरे इरादों को रोकने वाली देवी कहा गया है। उनकी उपासना से शत्रु शांत होते हैं और बाधाएँ दूर होती हैं। इसलिए कालाष्टमी के दिन शनिदेव और माँ बगलामुखी की पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
इस दिन माँ बगलामुखी की आराधना करने से कोर्ट-कचहरी और कानूनी मामलों में सफलता की राह खुल सकती है। शनिदेव की पूजा से जीवन में न्याय, स्थिरता और सुरक्षा बनी रहती है। तिल और तेल से अभिषेक करने की परंपरा बहुत प्राचीन है। ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव पर तिल का तेल चढ़ाने से मन का बोझ हल्का होता है और दुख-दर्द कम होते हैं। इस कालाष्टमी पर उज्जैन के माँ बगलामुखी मंदिर और श्री नवग्रह शनि मंदिर में विधिक विजय संकल्प हवन और शत्रु निवारण अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लेकर माँ बगलामुखी और भगवान शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करें।