💫🌼 गायत्री जयंती और शुक्रवार का दुर्लभ संयोग, क्या आप तैयार हैं ज्ञान और धन के संयुक्त आशीर्वाद के लिए? 💰📿
विद्या और धन एक-दूसरे के पूरक हैं। बिना विद्या के धन अर्जन संभव नहीं, और बिना बुद्धि के धन का उचित उपयोग भी नहीं किया जा सकता। इसी कारण भक्त जीवन में समृद्धि और विवेक के लिए दैवीय कृपा का आह्वान करते हैं। माँ गायत्री, जिन्हें वेदमाता कहा गया है, हिंदू धर्म की एक परम पूजनीय देवी हैं। वहीं धन, ऐश्वर्य और स्थायित्व के लिए माँ लक्ष्मी की आराधना की जाती है। इन दोनों की संयुक्त कृपा को प्राप्त करने का एक श्रेष्ठ अवसर है गायत्री जयंती, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गायत्री माता का अवतरण ज्येष्ठ माह की शुक्ल एकादशी को हुआ था। इसी दिन निर्जला एकादशी भी मनाई जाती है। यह दिन केवल एक तिथि नहीं, बल्कि वह पावन अवसर है जब ज्ञान, आत्मशुद्धि और अंतर्दृष्टि की दिव्य ऊर्जा हमारे जीवन में प्रवाहित होती है।
इस वर्ष यह दिन शुक्रवार को आ रहा है, जो माँ लक्ष्मी को समर्पित है। यही कारण है कि यह दिन ज्ञान और समृद्धि के आह्वान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस पावन संयोग पर गायत्री बुद्धि बीज मंत्र जाप एवं लक्ष्मी धन योग अनुष्ठान का आयोजन तमिलनाडु के तिरुनेलवेली स्थित एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में किया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस अनुष्ठान में भाग लेने से न केवल धन की प्राप्ति होती है, बल्कि उसे समझने, सहेजने और बढ़ाने की आंतरिक बुद्धि और विवेक भी जाग्रत होते हैं। यह पूजा हमें सिखाती है कि सच्ची समृद्धि वही है, जो मन की शांति, विचारों की स्पष्टता और सत्कर्मों से जुड़ी हो। यह अनुष्ठान उन सभी के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जो व्यवसाय, नौकरी या पारिवारिक दायित्वों में आर्थिक स्थिरता की कामना रखते हैं।
श्री मंदिर के माध्यम से आप भी इस दुर्लभ अवसर का लाभ लें और माँ गायत्री तथा माँ लक्ष्मी की संयुक्त कृपा प्राप्त करें।