क्या आप अक्सर स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान रहते हैं? अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए महादेव से आशीर्वाद लें 🕉️💪
हिंदू धर्म में सोमवार का दिन देवों के देव महादेव यानि भगवान शिव को समर्पित है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि सोमवार के दिन चंद्र देव ने भगवान शिव की पूजा की थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने चंद्र देव को दुर्लभ रोग से मुक्त किया था और तभी से सोमवार को भगवान शिव की पूजा के लिए एक शुभ दिन माना जाता है। वहीं शास्त्रों में महामृत्युंजय मंत्र को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे लाभकारी मंत्र बताया गया है। यह वही मंत्र है जिसका जाप चंद्र देव ने भगवान शिव से निरोगी काया का वरदान पाने के लिए किया था। इसलिए, ऐसा माना जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भगवान शिव से अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।
मान्यता यह भी है कि इस मंत्र जाप के साथ यदि आरोग्य मूर्ति धन्वंतरि देव को समर्पित हवन किया जाए, तो यह अनुष्ठान दुगुना फलदायी हो जाता है। दरअसल, हमारे सनातन धर्म में भगवान विष्णु के अवतार भगवान धन्वंतरि को आरोग्य, आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि आरोग्य मूर्ति धन्वंतरि शक्ति हवन और महामृत्युंजय मंत्र जाप के माध्यम से उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और अनहोनी से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसी उद्देश्य से, सोमवार के शुभ दिन श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में 11,000 महामृत्युंजय मंत्रों के जाप और आरोग्य मूर्ति धन्वंतरि शक्ति हवन का आयोजन किया जा रहा है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय जब भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए, तब उन्होंने भगवान विष्णु से निवास हेतु एक स्थान का आग्रह किया। विष्णु जी ने उन्हें यह बताते हुए कि वे थोड़ा विलंब से आए हैं, एक अद्भुत वरदान दिया कि वे दूसरे द्वापर युग में शाही वंश में जन्म लेंगे और त्रिलोक में पूजित होंगे। इस वरदान के अनुसार, द्वापर युग में भगवान धन्वंतरि ने काशी नरेश राजा काश के पुत्र के रूप में अवतार लिया। उन्होंने ऋषि भारद्वाज से आयुर्वेद का गहन अध्ययन किया, उसे आठ अंगों में विभाजित किया और चिकित्सा विज्ञान में अद्वितीय योगदान दिया।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य पूजा में भाग लेकर भगवान शिव और भगवान धन्वंतरि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति हो और जीवन में आने वाली अनहोनी घटनाओं से रक्षा सुनिश्चित हो।