स्वास्थ्य का असीम आशीर्वाद पाने के लिए भगवान धनवंतरि की आराधना क्यों है ज़रूरी?
अक्सर ऐसा देखा गया है घर-परिवार में एक के बाद एक बीमारियों की दस्तक होती है और जमा किया हुआ धन तो खर्च होता ही है, साथ ही मानसिक अशांति और आत्मबल का स्तर कई गुना गिर जाता है। माना जाता है कि ‘स्वास्थ्य ही धन है’ लेकिन यही संतुलन बिगड़ जाए तो कमाया और बचा हुआ धन किसी काम का नहीं रह जाता। ऐसे में भगवान धनवंतरि की कृपा साधक को बेहतर स्वास्थ्य का आशीष दे सकती है।
आषाढ़ की पूर्णिमा, जिसे गुरु पूर्णिमा भी कहते हैं, इस आराधना के लिए सबसे दुर्लभ और फलदायी संयोग है, इसलिए इस दिन श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में भगवान धनवंतरि की ये आराधना जातक को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद और अज्ञात बीमारी से सुरक्षा दिला सकती है। शास्त्रों के अनुसार, धनवंतरि, भगवान विष्णु के अवतार हैं, जो आयुर्वेद के जनक और देवताओं के चिकित्सक माने जाते हैं, समुद्र मंथन के दौरान वह अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।
गुरु पूर्णिमा के दिव्य अवसर पर होने जा रहे अनुष्ठान इस प्रकार हैं:
🔥अमृत कलश अभिषेक भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र ऊर्जा भंडारों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग से लिए गए पवित्र जल से किया जाता है।
🔥 आरोग्य संकल्प हवन अग्नि-आधारित शुद्धि के रूप में काम करता है, पुराने दर्द चक्रों और बीमारी बढ़ाने वाली ऊर्जाओं को आध्यात्मिक रूप से निष्प्रभावी बनाता है।
भगवान धनवंतरि आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं और उनकी शिक्षाएं आयुर्वेदिक चिकित्सा का आधार हैं। उन्हें देवताओं का चिकित्सक भी कहा गया है, उनके चिकित्सा कौशल की प्रशंसा पुराणों में विस्तार से की गई है।
धनवंतरि की पूजा और आराधना से स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की जाती है, जो उन लोगों के लिए बेहद फलदायी है, जो:
अज्ञात बीमारियों से परेशान हैं और जांच-इलाज से आराम तो दूर, आर्थिक नुकसान की तरफ बढ़ गए हैं।
कमजोर स्वास्थ्य के कारण किसी भी काम को जोश और रफ्तार के साथ पूरा करने की शक्ति नहीं बची है।
एक के बाद एक बीमारी ने शरीर और आंतरिक आत्मबल को कमजोर कर दिया है, कहीं कोई रास्ता नहीं दिख रहा।
🚩 श्री मंदिर के माध्यम से गुरु पूर्णिमा पर भगवान धनवंतरि-ज्योतिर्लिंग विशेष आराधना में भाग लें और अच्छे स्वास्थ्य और अज्ञात बीमारी से सुरक्षा का मार्ग मजबूत करें।