🌟 बगलामुखी जयंती क्यों मन की उलझन और शांति पाने के लिए सबसे अच्छा दिन है?
बगलामुखी जयंती वैशाख शुक्ल अष्टमी को मनाई जाती है। इस दिन माँ बगलामुखी पवित्र हरिद्रा सरोवर से प्रकट हुई थीं। प्रचलित कथाओं के अनुसार, सतयुग में एक भयंकर तूफान और बाढ़ ने पूरी धरती से जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। भगवान विष्णु इस संकट से चिंतित हो गए और उन्होंने भगवान शिव से मदद माँगी। शिवजी ने बताया कि केवल शक्ति (माँ दुर्गा का रूप) ही इस विनाश को रोक सकती हैं। फिर भगवान विष्णु ने सौराष्ट्र स्थित हरिद्रा सरोवर के पास गहरी तपस्या की। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर देवी माँ बगलामुखी के रूप में प्रकट हुईं। माँ ने तूफान को शांत किया और संसार में फिर से संतुलन और शांति स्थापित की। इसी कारण से बगलामुखी जयंती को बहुत ही शुभ और शक्तिशाली दिन माना जाता है।
⚔️ कलियुग में असली रक्षक कौन हैं?
कलियुग में असली रक्षक माँ बगलामुखी, बाबा भैरव, और राहु हैं। माँ बगलामुखी शत्रुओं और बाधाओं को निष्क्रिय करने के लिए जानी जाती हैं, बाबा भैरव, जो भगवान शिव का रूप हैं, अंधकारमय और हानिकारक ऊर्जा को नियंत्रित करने की शक्ति रखते हैं, और राहु जो नई सोच को अपनाने से जुड़ा हुआ है, अक्सर अचानक सफलता और प्रसिद्धि की ओर ले जाता है। ये शक्तिशाली देवता भक्तों को समस्याओं से बचाते हैं और जीवन की चुनौतियों में उनका मार्गदर्शन करते हैं।
😈 राहु आपके सोचने के तरीके और फैसलों को कैसे बदलता है?
राहु भ्रम और असमंजस पैदा करने वाला ग्रह माना जाता है, जिससे सही निर्णय लेना मुश्किल हो जाता है। यह लोगों को अपने विचारों में उलझन और जल्दबाजी में फैसले लेने की ओर ले जाता है। इसके असर से मानसिक भ्रम, भावनात्मक उतार-चढ़ाव होता है और इंसान अपने असली लक्ष्य को भूल जाता है। राहु की दृष्टि बड़ा नुकसान कर सकती है। जब कुंडली में राहु और केतु की स्थिति खराब होती है, तो काल सर्प दोष बनता है – जो बहुत अशुभ माना जाता है। इस दोष के कारण बार-बार असफलता, धोखा, डर और तनाव बना रहता है और व्यक्ति परेशानियों और असुरक्षा के जाल में फंसा रहता है।
🔥 यह दिन शक्तिशाली और असरदार प्रार्थनाओं के लिए सबसे अच्छा क्यों है?
इस विशेष दिन, जब आश्लेषा नक्षत्र सक्रिय होता है, तब उज्जैन के माँ बगलामुखी मंदिर में तीन खास पूजा की जाएंगी:
माँ बगलामुखी तंत्र युक्त यज्ञ
बटुक भैरव आपदा हरण पूजन
आश्लेषा बलि काल सर्प पूजा
आश्लेषा नक्षत्र को काल सर्प दोष शांति के लिए बहुत शुभ दिन माना जाता है। आप श्री मंदिर के माध्यम से इस शक्तिशाली पूजा में भाग ले सकते हैं और माँ बगलामुखी व बाबा भैरव की कृपा पा सकते हैं।