🔱 जीवन में लगी बुरी नज़र से सबकुछ हाथ से फिसल रहा है? दर्श अमावस्या है राहत का अवसर✨
हिंदू कैंलेडर में सावन समापन के बाद भाद्रपद महीने की शुरुआत होती है। भाद्रपद महीना त्योहारों से भरपूर रहता है, जिसमें जन्माष्टमी, अनंत चतुर्दशी जैसे त्योहार भक्तों के बीच धूमधाम से मनाए जाते हैं। त्योहारों के इस महीने में आराधना और अनुष्ठान भी भव्य हो जाते हैं, जिसके फल से भक्तों को जीवन में नए-नए अवसर मिलते हैं और उन्नति की दिशा मजबूत होती है। इस महीने के शुक्रवार को अमावस्या आ रही है, जिसे शास्त्रों में ‘दर्श अमावस्या’ कहा गया है। इस तिथि की आराधना इंसान को नकारात्मकता और बुरी शक्तियों से बचा सकती है।
🔱 दर्श अमावस्या और भैरव-भद्रकाली जी का अनुष्ठान:
दर्श अमावस्या विशेष रूप से पितरों को तृप्त करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए महत्वपूर्ण मानी गई है। लेकिन, इस दिन नकारात्मकता का नाश करने वाले देव- मां भद्रकाली और भैरवदेव के संयुक्त अनुष्ठान भी पुण्यदायी होते हैं। आइए इन अनुष्ठानों को विस्तार से समझें:
🔱 अमावस्या और शुक्रवार के संयोग में मां भद्रकाली रक्षा कवच यज्ञ एक शक्तिशाली अनुष्ठान है, जो देवी भद्रकाली की दिव्य ऊर्जा से भक्तों को हर प्रकार के नकारात्मक असर, शत्रु बाधा और नज़र दोष से सुरक्षा दे सकता है। शास्त्रों में भद्रकाली को मां दुर्गा का उग्र रक्षक स्वरूप माना गया है, जो अन्याय का नाश कर धर्म की रक्षा करती हैं। इस यज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चार, हवन और देवी का आह्वान कर एक अदृश्य ‘रक्षा कवच’ की स्थापना की जाती है। मान्यता है कि इस यज्ञ से भय, संकट और नकारात्मकताएं दूर हो सकती हैं और जीवन में आत्मबल, साहस और स्थिरता बढ़ती है। कुरुक्षेत्र के सिद्ध तीर्थ मां भद्रकाली मंदिर में होने जा रहा यह अनुष्ठान एक दुर्लभ अवसर है, जिसे हाथ से न जाने दें।
दर्श अमावस्या पर भैरव नज़रदोष शांति पूजा भगवान काल भैरव की कृपा पाने, नज़रदोष और नकारात्मक ऊर्जा के असर से राहत के लिए की जाती है। शास्त्रों में काल भैरव को समय के स्वामी और देवताओं के रक्षक के रूप में पूजा जाता है, जो अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उनके मार्ग की बाधाओं का क्षणभर में नाश करने की शक्ति रखते हैं। इस पूजा में विशेष मंत्रजाप, अर्घ्य, अभिषेक और हवन द्वारा भैरवदेव का आह्वान किया जाता है, जिससे नज़रदोष से पैदा हुई मानसिक अशांति, आर्थिक नुकसान और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं। यह पूजा जीवन में सुरक्षा, सुख-समृद्धि और आत्मविश्वास के द्वार खोल सकती है।
श्री मंदिर द्वारा भैरव नजर दोष शांति पूजा और भद्रकाली रक्षा कवच यज्ञ में भाग लें और जीवन को सकारात्मकता, साहस और सही मार्गदर्शन की दिशा में ले जाएं।