🍃 क्या कभी आपको ऐसा लगता है कि मेहनत करने के बावजूद जीवन में तनाव, देरी या लगातार बाधाएँ खत्म नहीं हो रही हैं? काम, रिश्ते या मानसिक शांति में रुकावटें महसूस होती हैं, जैसे सारी मेहनत व्यर्थ हो रही हो। अक्सर ऐसा अनुभव शनि देव के प्रभाव और जीवन में संतुलन न होने के कारण माना जाता है। ऐसे समय में साधना और मंत्र जाप मददगार हो सकते हैं, जो मन और जीवन को फिर से संतुलित महसूस कराने में सहायक हो सकते हैं। शनि देव न्याय और कर्म के देवता हैं। वे जीवन में अनुशासन, स्थिरता और धैर्य लाने वाले माने जाते हैं। शनि देव की ऊर्जा जीवन में आने वाली बाधाओं, देरी और तनाव के मूल कारणों से जुड़ी मानी जाती है।
💪 वहीं हनुमान जी शक्ति, साहस और सुरक्षा के देवता हैं। हनुमान जी भक्तों के भय, चिंता और मानसिक अस्थिरता को दूर करने में सहायक माने जाते हैं। शनि देव और हनुमान जी की संयुक्त पूजा ऐसे समय में विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इसे मानसिक संतुलन और जीवन में स्थिरता पाने का अवसर माना जाता है। साल 2025 का आखिरी शनिवार इस दृष्टि से खास है। इस दिन साधना और मंत्र जाप का प्रभाव और भी अधिक माना जाता है। इस अवसर पर 1,25,000 शनि मूल मंत्र जाप 36 ब्राह्मणों द्वारा समान गति और अनुशासन में किया जाएगा। यह जाप जीवन में चल रहे तनाव, देरी और लगातार आने वाली बाधाओं को हल्का करने में सहायक माना जाता है।
📿 मान्यता है कि इस दिन किया गया मंत्र जाप मन को हल्का करता है, सोच को स्पष्ट करता है और जीवन में संतुलन की अनुभूति देता है। अनुष्ठान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 1008 हनुमान अष्टक पाठ भी है। हनुमान अष्टक पाठ मन को शांत करता है, चिंता कम करता है और भीतर आत्मविश्वास की नई ऊर्जा लाने में मदद करता है।
🍃 इस पूजा का महत्व उस कथा से भी जुड़ा है जिसमें बताया गया है कि हनुमान जी ने एक बार रावण की कैद से शनि देव को मुक्त किया था। इस कारण माना जाता है कि शनि देव हनुमान जी के भक्तों को विशेष सहारा देते हैं। इसी मान्यता के आधार पर साल के आखिरी शनिवार को शनि और हनुमान जी की संयुक्त पूजा को जीवन में स्थिरता, सुरक्षा और मन की शांति का एक अवसर माना जाता है।
🛕 यह अनुष्ठान उज्जैन के पवित्र नवग्रह शनि मंदिर में 36 ब्राह्मणों द्वारा संपन्न होगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लेकर आप शनि देव और हनुमान जी की संयुक्त कृपा का अनुभव कर सकते हैं।