✨ शारदीय नवरात्रि पर माँ आदिशक्ति का आह्वान करें, सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद पाएं🪷
🙏 जुड़े काशी और कटरा के पावन देवी मंदिरों में होने वाले महायज्ञ से🪷…
श्राद्ध पक्ष की समाप्ति के बाद जब शारदीय नवरात्रि का आरंभ होता है, तो वातावरण में एक अलग ही ऊर्जा दिखाई देती है। घर-घर में कलश स्थापना की जाती है, दीप जलाए जाते हैं और मंदिरों की घंटियों की ध्वनि से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठता है। यह वह समय है जब लोग अपने भीतर नई शक्ति और विश्वास का अनुभव करना चाहते हैं। नवरात्रि केवल पूजा का पर्व नहीं है, बल्कि आत्मचिंतन और साधना का अवसर भी है। जीवन में अक्सर परिस्थितियां ऐसी बनती हैं जब मेहनत के बावजूद सफलता दूर रहती है, रिश्तों में तनाव आ जाता है या मन लगातार अस्थिर बना रहता है।
ऐसे समय में व्यक्ति भीतर से कमजोर महसूस करता है और उसे सहारा चाहिए होता है। नवरात्रि के नौ दिन इन्हीं कठिनाइयों को समझने और मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के माध्यम से शक्ति प्राप्त करने का माध्यम माने जाते हैं। पौराणिक कथा भी यही सिखाती है कि जब महिषासुर जैसे संकट तीनों लोकों पर भारी पड़ने लगे, तो देवी शक्ति के विविध रूप प्रकट हुए और उन्होंने असुरता का अंत किया। यह कथा हमें यह याद दिलाती है कि नवरात्रि केवल उत्सव नहीं है, बल्कि यह वह समय है जब हम अपने भीतर छिपी नकारात्मकताओं से लड़ने का संकल्प लेते हैं।
इसी भाव के साथ इस शारदीय नवरात्रि में श्री मंदिर द्वारा कटरा तीर्थ क्षेत्र के नवदुर्गा मंदिर और काशी के दुर्गा कुंड मंदिर दोनों ही पावन स्थलों पर विशेष अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। यहां 1,25,000 नवार्ण मंत्र जाप, दुर्गा सप्तशती पाठ और नव चंडी महाहवन संपन्न होंगे। नवार्ण मंत्र के उच्चारण से साधक का मन केंद्रित होता है, दुर्गा सप्तशती का पाठ वातावरण को सकारात्मक बनाता है और नव चंडी हवन से सामूहिक श्रद्धा का माहौल निर्मित होता है। इन अनुष्ठानों का उद्देश्य यही है कि भक्त अपने मन के बोझ और जीवन की उलझनों के बीच मां दुर्गा की शरण में बैठकर शांति और धैर्य का अनुभव कर सकें।
श्री मंदिर के माध्यम से इस नवरात्रि विशेष अनुष्ठान में भाग लें। 🙏🪷