🚩 हारे का सहारा, बाबा श्याम हमारा!
🚩 व्यापार में सुरक्षा, लाभ और तंगी से राहत पाने के लिए श्री खाटू श्याम की आराधना का महत्व
श्री खाटू श्याम जी को कलियुग में महाभारत के महावीर बर्बरीक के रूप में जाना जाता है, जो भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे। उन्हें पुराणों में ‘हारे का सहारा’ भी कहा जाता है। यदि आप जीवन में तरह-तरह के व्यापार करके देख चुके हैं, जमापूंजी खत्म हो चुकी है लेकिन तरक्की दूर-दूर तक नहीं दिख रही तो यह आराधना एक अवसर की तरह है। उज्जैन के धाम में खाटू श्याम उद्योग लक्ष्मी वंदना, व्यपापार वृद्धि संकल्प और तिलक श्रृंगार के माध्यम से आप बाबा खाटू की शरण में स्वयं को समर्पित कर सकते हैं।
🚩 श्री खाटू श्याम की कथा के कुछ अंश:
बर्बरीक के पास तीन अमोघ बाण थे और उन्होंने यह संकल्प लिया था कि वे सदैव कमजोर पक्ष का साथ देंगे। उनके इस संकल्प को जानकर भगवान श्रीकृष्ण ने साधु का वेश धारण कर उनसे भेंट की। श्रीकृष्ण को ज्ञात हुआ कि यदि बर्बरीक युद्ध में सम्मिलित हुए तो धर्म की रक्षा कठिन हो जाएगी, इसलिए धर्म की स्थापना के लिए श्रीकृष्ण ने उनसे शीशदान मांगा, जिसे बर्बरीक ने हंसते हुए स्वीकार कर लिया और अपना शीश अर्पित कर दिया।
इस अद्भुत बलिदान से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलियुग में वे उनके ही नाम यानी ‘श्याम’ नाम से पूजे जाएंगे। वरदान के अनुसार, जो भी उन्हें सच्चे मन से याद करेगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। कहा जाता है कि उनका शीश महाभारत युद्ध देखने के लिए एक विशेष स्थान पर स्थापित किया गया था, जो कालांतर में खाटू (राजस्थान) में प्रकट हुआ। भक्त दूर-दूर से नौकरी और व्यापार में सफलता का आशीर्वाद पाने रिंगस स्थित उनके धाम दर्शन-पूजन और निशान चढ़ाने आते हैं। इसी तरह तिलक श्रृंगार पूजा भी उनकी आराधना का एक ज़रूरी हिस्सा है।
🌙 खाटू श्याम और माँ लक्ष्मी का संयुक्त आशीर्वाद:
श्री श्याम जी को श्रीकृष्ण का ही रूप माना गया है और श्री कृष्ण विष्णु जी के अवतार हैं। इसलिए बाबा खाटू श्याम के साथ मां लक्ष्मी की संयुक्त आराधना से भक्तों के भाग्य को एक नई दिशा मिल सकती है। बाबा श्याम की कृपा से आर्थिक तरक्की के दरवाजे खुलते हैं और व्यापार में हो रहा नुकसान, फायदों में बदलना शुरू हो जाता है। खासकर मारवाड़ी और गुजराती समुदाय में श्री खाटू श्याम जी के साथ माँ लक्ष्मी की आराधना पूरे विधि-विधान से की जाती है।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और बाबा श्याम जी और मां लक्ष्मी के संयुक्त आशीर्वाद से व्यापार, नौकरी और जीवन में समृद्धि और सुरक्षा महसूस करें।