🚩 जानें आखिर क्यों भयभीत रहते हैं हनुमान जी से शनि और राहु ग्रह? 👇
सनातन धर्म में हनुमान जी को बल और साहस का प्रतीक माना गया है। इनकी पूजा करने से जीवन की हर तरह की चिंता, डर और बाधाएं दूर हो जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी की भक्ति करने से शनि और राहु ग्रह के बुरे असर से राहत मिलती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनि और राहु दोनों को अशुभ ग्रह माना गया है। जब ये दोनों ग्रह एक साथ किसी भाव में आते हैं, तो वहां नकारात्मक ऊर्जा फैलती है। इसका असर जीवन में तनाव, उलझन और बार-बार रुकावटों के रूप में दिखाई देता है। जहां एक तरफ कलयुग में राहु को सबसे ताकतवर ग्रह माना जाता है, जो मन को भ्रमित करता है और व्यक्ति को गलत आदतों और निर्णयों की ओर ले जाता है। वहीं हनुमान जी को कलयुग के देवता के रूप में पूजा जाता है, जिनकी उपासना राहु के असर से बचाती है।
शनि ग्रह और हनुमान जी का भी गहरा संबंध माना जाता है। दरअसल, एक पौराणिक कथा के अनुसार, त्रेतायुग में रावण ने शनिदेव को बंधक बना लिया था। जब हनुमान जी लंका पहुंचे, तो उन्होंने शनिदेव को उस कैद से आज़ाद कराया। इससे प्रसन्न होकर शनिदेव ने वचन दिया कि जो भी हनुमान जी की भक्ति करेगा, उस पर उनका बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। अब जब स्वाति नक्षत्र का प्रभाव चल रहा है, जो कि राहु द्वारा शासित होता है और मन, रहस्य और परिवर्तन का संकेत देता है, तो हनुमान जी की पूजा इस समय विशेष फलदायी मानी जाती है। इसी विशेष संयोग पर, उज्जैन के श्री नवग्रह शनि मंदिर में एक विशेष अनुष्ठान किया जा रहा है। इसमें शनि-राहु शांति के साथ हनुमान रक्षा पूजा जैसे प्रभावी अनुष्ठानों का आयोजनों किया जाएगा। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस महानुष्ठान में भाग लें और अपने जीवन से नकारात्मकता, भय और बाधाओं को दूर कर, शांति, आत्मबल और सफलता का अनुभव करें।