क्या वित्तीय संघर्ष और बाधाएं आपके रास्ते में आती हैं? 🏦✨
विनायक चतुर्थी पर बाधाओं को दूर करने वाले, बुद्धि और समृद्धि के दाता भगवान गणेश का आशीर्वाद लें 🙏🐘
सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक पावन पर्व है, जो ज्ञान, समृद्धि और विघ्नों के नाशक के रूप में पूजे जाते हैं। यह दिन भगवान गणेश की जयंती के रूप में मनाया जाता है और इसका आध्यात्मिक महत्व अत्यंत विशिष्ट माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान गणेश की रचना कर उन्हें अपना द्वारपाल नियुक्त किया। जब भगवान शिव आए, तो गणेश जी, अपने कर्तव्य का पालन करते हुए, उन्हें भीतर जाने से रोकने लगे। इस पर भगवान शिव ने क्रोधित होकर उनका सिर धड़ से लग कर दिया। जब माता पार्वती ने यह देखा, तो वे अत्यंत दुखी हो गईं। तब भगवान शिव ने गणेश जी को हाथी का मस्तक प्रदान कर उन्हें पुनर्जीवित किया और प्रथम पूज्य होने का आशीर्वाद दिया। तभी से वह बुद्धि, समृद्धि और मंगल कार्यों के देवता माने जाते हैं। भक्तगण शिक्षा, करियर में उन्नति, जीवन की बाधाओं से मुक्ति और आर्थिक समृद्धि के लिए भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने हेतु विनायक चतुर्थी के दिन विशेष पूजन और अनुष्ठान करते हैं। इस दिन ऋण नाशक गणेश स्तोत्र का पाठ और 1008 गणेश दूर्वा अर्चना करना अत्यंत शुभ माना जाता है। शास्त्रों में इसका उल्लेख मिलता है कि यह अनुष्ठान वित्तीय कठिनाइयों से मुक्ति, कर्ज से राहत और मानसिक शांति प्रदान करता है। श्रद्धा और भक्ति भाव से किए गए इन अनुष्ठानों से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में धन, सौभाग्य और सफलता का संचार होता है।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, सुखकर्ता और दुखहर्ता के अलावा 1008 नामों से पूजा जाता है। एक पौराणिक कथानुसार प्राचीन काल में अनलासुर नामक दैत्य मुनियों और मनुष्यों को निगल जाता था, जिससे स्वर्ग और पृथ्वी पर हाहाकार मच गया। सभी देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों ने भगवान शिव से प्रार्थना की, और भगवान शिव ने कहा कि केवल गणेश जी ही इस दैत्य का नाश कर सकते हैं। गणेश जी ने अनलासुर को निगल लिया, लेकिन उनके पेट में जलन होने लगी। कश्यप ऋषि ने 21 गांठों वाली दूर्वा घास गणेश जी को खाने के लिए दी जिसके बाद गणेश जी की जलन शांत हो गई। इसी घटना के बाद से गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। इसलिए बुधवार के दिन भगवान गणेश के 1008 नामों का जाप करना और हर नाम के साथ दूर्वा चढ़ाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इसके अतिरिक्त, ऋण नाशक गणेश स्तोत्र का पाठ करने से सभी वित्तीय बाधाओं को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसीलिए यह अनुष्ठान काशी के चिंतामणि गणेश मंदिर में आयोजित किया जा रहा। आप भी कर्ज से मुक्ति और धन-संपत्ति की प्रचुरता के लिए भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने हेतु श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य अनुष्ठान में भाग लें।