विनायक चतुर्थी पर इस विशेष पूजा में भाग लेंकर पाएं भगवान गणेश और शिव की संयुक्त कृपा 🙏🔱
जीवन में लगातार आ रही रुकावटों से परेशान हैं? बार-बार प्रयास करने के बावजूद सफलता हाथ नहीं लग रही? ऐसे में यह संभव है कि कोई अदृश्य बाधा या ग्रह दोष आपके मार्ग में अड़चन पैदा कर रहा हो। क्योंकि जब नकारात्मक ऊर्जा और कर्मों की रुकावटें जीवन में बाधा डालती हैं, तो सही समाधान के बिना इनसे छुटकारा पाना कठिन हो जाता है। ऐसे में भगवान शिव और गणेश की संयुक्त पूजा से इन समस्याओं का समाधान संभव है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव परम चेतना और कर्मों के नियंत्रक माने जाते हैं, जो नकारात्मक ऊर्जा को शांत कर जीवन में संतुलन स्थापित करते हैं। वहीं, भगवान गणेश सभी प्रकार की बाधाओं को दूर कर सफलता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करते हैं। विशेष रूप से विनायक चतुर्थी का दिन भगवान गणेश को समर्पित एक शुभ अवसर माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन गणेश जी की आराधना से विघ्न, बाधाएं और नकारात्मक शक्तियां समाप्त होती हैं, जिससे भक्तों को दिव्य मार्गदर्शन और सुरक्षा प्राप्त होती है।
🕉️ ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में आयोजित इस विशेष अनुष्ठान की मदद से खोले अपने सौभाग्य के द्वार✨
इसीलिए इस विनायक चतुर्थी भगवान शिव के 12 पूजनीय ज्योतिर्लिंगों में से एक, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर विशेष रूप से गणेश रुद्र यज्ञ, पंचामृत रुद्राभिषेक और मोदक अर्चना का आयोजन किया जाएगा। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग एक स्वयंभू लिंग है, जो अपार आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है। मान्यता है कि भगवान शिव तीनों लोकों में विचरण करने के बाद रात्रि में यहां विश्राम करते हैं। गणेश रुद्र यज्ञ में भगवान गणेश और भगवान शिव की ऊर्जाओं का आह्वान किया जाता है, जिससे ग्रह दोषों और कर्म के बोझ का निवारण होता है। इसके बाद पंचामृत रुद्राभिषेक द्वारा भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में शांति और सौभाग्य लाता है। अंत में, भगवान गणेश को मोदक अर्पित किए जाते हैं, जिससे वे प्रसन्न होकर भक्तों को विघ्नों से मुक्ति और सफलता का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र अनुष्ठान में भाग लें और भगवान शिव एवं गणेश के संयुक्त आशीर्वाद से अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता प्राप्त करें।