🛡️ क्या आपको लगता है कि जीवन में नकारात्मकता, गुप्त शत्रु या ऐसी बाधाएं हावी हैं, जो आपके हर प्रयास को रोक रही हैं? शास्त्रों के अनुसार, ऐसे कष्ट अक्सर अदृश्य ऊर्जाओं और ग्रहों के प्रभाव से पैदा होते हैं। शनिवार का दिन इन शक्तियों के लिए सबसे सक्रिय समय होता है और इस दिन उग्र देवताओं की पूजा से विशेष राहत मिल सकती है। इसीलिए, वीर हनुमान–भैरव–काली त्रिदेव महापूजा का विधान किया गया है, ताकि भक्तों को जीवन में बिना रुकावट आगे बढ़ने के लिए एक दिव्य कवच (ढाल) का आशीर्वाद मिल सके।
🛡️ सनातन धर्म में हनुमान जी को संकटमोचन कहा गया है। उनकी अद्वितीय शक्ति और भगवान राम के प्रति भक्ति ने असंख्य राक्षसों का नाश किया और भक्तों को साहस की दिशा दिखाई। इसी प्रकार, भगवान काल भैरव, महादेव के उग्र रूप और ‘काशी के कोतवाल’ भी माने जाते हैं, जो समय के स्वामी हैं और भूत-प्रेत, दुष्ट शक्तियों को दूर रखते हैं। साथ ही माँ महाकाली, सर्वोच्च शक्ति, वह देवी हैं, जिन्होंने राक्षस रक्तबीज का संहार किया और जिन्हें नकारात्मकता को जड़ से समाप्त करने के लिए पूजा जाता है। जब ये तीनों देव एक साथ पूजे जाते हैं, तो वे एक अटूट सुरक्षा त्रिशक्ति बनाते हैं, भक्तों को जीवन में कभी हारने नहीं देती।
🛡️ यह विशेष अनुष्ठान कोलकाता स्थित कालिघाट शक्तिपीठ में संपन्न होगा, जो देवी के 51 पवित्र पीठों में से एक है। यहाँ विशेष विधि से त्रिदेव महापूजा की जाती है और उसके बाद तांत्रोक्त हवन होता है। इस हवन में पवित्र द्रव्यों को अग्नि में अर्पित किया जाता है और विशेष मंत्रों का उच्चारण शामिल रहता है। माना जाता है कि इस अनुष्ठान से हनुमान जी की शक्ति, भैरव बाबा की रक्षा और माँ काली की उग्र कृपा मिलकर भक्त के चारों ओर एक अदृश्य कवच रचते हैं, जिससे नकारात्मकता कोसों दूर चली जाती है।
⚡भक्त इस पूजा के माध्यम से शत्रुओं पर विजय, भय से राहत और परिवार की दिव्य सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं। श्री मंदिर द्वारा आयोजित यह विशेष पूजा आपके जीवन में साहस, सुरक्षा और नकारात्मक शक्तियों पर विजय का दिव्य आशीर्वाद ला सकती है।