🔱 भगवान काल भैरव, भगवान शिव के उग्र और रक्षक स्वरूप माने जाते हैं। उन्हें समय, न्याय और भय से संबंधित शक्तियों का अधिपति माना जाता है। कहा जाता है कि भैरव देवता अपने भक्तों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं और जीवन में आने वाली नकारात्मक शक्तियों, शत्रु बाधाओं और अदृश्य संकटों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। उनके साथ माता महाकाली का संबंध भी विशेष माना जाता है। महाकाली को शक्ति, विनाशक और सुरक्षा की देवी कहा जाता है। वे अपने भक्तों के चारों ओर एक अडिग और प्रचंड सुरक्षा कवच बनाती हैं, जिससे किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा और दुश्मनों का प्रभाव कम होता है।
🔱 भैरव जयंती का दिन और उसकी संध्या समय भक्तों के लिए विशेष महत्व रखते हैं। इस अवसर को भगवान काल भैरव के प्रकट होने का पावन समय माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन की संध्या में की गई साधना और पूजा विशेष रूप से शक्तिशाली होती है। भक्तों के जीवन में छिपे हुए शत्रु, बुरी नजर और नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा के लिए यह समय अत्यंत अनुकूल माना जाता है। इसी पावन अवसर पर उज्जैन के श्री बटुक भैरव मंदिर में भैरव जयंती संध्या पर “महाकाली खड्गमाला स्तोत्रम् एवं बटुक भैरव हवन” का विशेष अनुष्ठान आयोजित किया जा रहा है।
🔱 इस अनुष्ठान के दौरान विद्वान पुरोहित महाकाली खड्गमाला स्तोत्र का पाठ करेंगे और बटुक भैरव हवन विधि से पूजा संपन्न करेंगे। ये दोनों ही अत्यंत शक्तिशाली साधनाएँ मानी जाती हैं, जो साधक को अद्भुत सुरक्षा, शक्ति और मानसिक तथा आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त करने में सहायक मानी जाती हैं। वहीं, बटुक भैरव हवन विशेष रूप से बाधाओं के निवारण, नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा और शीघ्र लाभ प्राप्त करने के लिए संपन्न किया जाता है। जिससे भक्तों के मन में मानसिक शांति, साहस और आत्मबल की वृद्धि होती है। भक्तों के जीवन में आने वाले अदृश्य संकटों और शत्रुओं के प्रभाव को कम करने में यह अनुष्ठान सहायक माना जाता है।
श्री मंदिर के माध्यम से आयोजित इस दिव्य अनुष्ठान में सहभागी बनकर भक्त प्रचंड सुरक्षा का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में नकारात्मक ऊर्जा और छिपे हुए दुश्मनों के प्रभाव से राहत की अनुभूति पा सकते हैं। 🙏