सनातन धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। यह मास भगवान शिव और भगवान विष्ण दोनों की पूजा के लिए शुभ माना जाता है क्योंकि इस मास तक सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं और भगवान विष्णु को सृष्टि का कार्यभार सौंपते हैं। मान्यता है कि इस माह में भगवान शिव की पूजा करने से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषियों का कहना है कि अगर आपको सांप और मृत व्यक्तियों से जुड़े सपने आ रहे हैं या लगातार बुरे सपने आ रहे हैं। इसके अलावा अगर आप मानसिक अस्थिरता, अकेलेपन की भावना, बेवजह गुस्सा, बार-बार व्यापार में घाटा, रिश्तों में परेशानी या खराब स्वास्थ्य जैसी समस्याओं को सामना कर रहे हैं तो यह आपकी कुंडली में काल सर्प दोष की उपस्थिति का संकेत हो सकता है। काल सर्प दोष तब होता है जब कुंडली में सभी सात ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। इस दोष को ज्योतिष में सबसे अशुभ योगों में से एक माना जाता है। इस दोष से जुड़े नकारात्मक प्रभावों से राहत पाने के लिए काल सर्प दोष शांति पूजा करना लाभकारी माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में बुधवार को केतु का कारक माना जाता है। ऐसे में बुधवार के दिन काल सर्प दोष पूजा करके केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। मान्यता है कि बुधवार के दिन यह पूजा करने से भक्तों को निर्भयता प्राप्त होती है और उन्हें मानसिक स्थिरता प्राप्त करने में मदद मिलती है। यदि यह पूजा प्रयागराज में स्थित तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर में की जाए तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकती है, क्योंकि पौराणिक कथा के अनुसार, राजा परीक्षित को जब तक्षक नाग ने डसा था, तब इस मंदिर में उस घटना के प्रायश्चित में इन पांचों मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी और वरदान दिया गया था कि जो कोई भी इस मंदिर में जाकर दर्शन करेगा, उसके वंशजों को कभी सर्प की विष बाधा नहीं होगी। मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इसलिए बुधवार के दिन प्रयागराज के श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर में काल सर्प दोष शांति पूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और निर्भयता और मानसिक स्थिरता का आशीर्वाद प्राप्त करें।