सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए यह दिन सबसे उपयुक्त माना गया है। वहीं, चंद्र दर्शन, वह तिथि है जो अमावस्या के बाद चंद्रमा के फिर से प्रकट होने पर किया जाता है, जिससे लोगों को चंद्र देव के दर्शन होते हैं। हिंदु धर्म में इसका धार्मिक महत्व काफी है। इस साल, चंद्र दर्शन सोमवार को पड़ रहा है, जो कि भगवान शिव को समर्पित दिन माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, सोमवार के दिन शिवजी की नियमित पूजा करने से चंद्रमा शांत रहते हैं। इससे भोलेनाथ की कृपा आप पर बनी रहती है। वहीं, केमद्रुम दोष जिसे लोनली मून योग के नाम से भी जाना जाता है। यह दोष तब लगता है, जब दूसरे और 12वें घर में कोई ग्रह नहीं होता है या यदि कोई शुभ ग्रह जन्म कुंडली में चंद्रमा के साथ संयोजन नहीं करता है। मान्यता है कि यह दोष व्यक्ति के व्यवहार, रिश्तों, खुशी और सफलता को प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में अलगाव और अकेलेपन की भावना पैदा होती है।
दरअसल ज्योतिषशास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक ग्रह बताया गया है, इसलिए इन्हें मन और शीतलता का देवता कहा गया है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा अशुभ भाव में है तो उस व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता क्षीण हो जाती है और व्यक्ति कई तरह की मानसिक समस्याओं का सामना करने लगता है। वहीं, सोमवार एवं चंद्र दर्शन के शुभ अवसर पर अगर यह विशेष अनुष्ठान ऋषिकेश के श्री चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में करते हैं, तो यह अत्यंत प्रभावशाली हो सकता है। मान्यता है कि ऋषिकेश में गंगा नदी के तट पर स्थित चंद्रेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में भगवान शिव स्वयंभू शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। इसलिए इस पवित्र स्थल पर सोमवार के दिन चंद्र दर्शन विशेष केमद्रुम दोष निवारण 10,000 चंद्र बीज मंत्र जाप और चंद्र दूध अभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर द्वारा इसमें भाग लें और चंद्र देव और भगवान शिव द्वारा भावनात्मक स्थिरता और मानसिक कल्याण को बढ़ाने का आशीर्वाद प्राप्त करें।