🪔 हिंदू पंचांग के अनेक पवित्र दिनों में मोक्षदा एकादशी उन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है, जो अपने परिवार के कल्याण के लिए दिव्य सहारा चाहते हैं। माना जाता है कि इस दिन श्रद्धा और भक्ति से की गई प्रार्थनाएं अधिक प्रभावशाली होती हैं। बहुत से भक्त इस एकादशी पर श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप - लड्डू गोपाल, संतानेश्वर गोपाल की शरण लेते हैं, जिनकी मासूमियत और दिव्य चंचलता आशा, सुरक्षा और बच्चों के कल्याण का प्रतीक मानी जाती है।
शास्त्रों और परंपराओं में संतानेश्वर गोपाल को परिवारों के रक्षक और बच्चों के पोषक रूप में पूजा जाता है। जो माता-पिता संतान की इच्छा रखते हैं या अपने बच्चों के स्वस्थ और सकारात्मक वातावरण में बढ़ने की कामना करते हैं, उनके लिए एकादशी पर कृष्ण के बाल रूप की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस दिन भक्त माता-पिता बनने की इच्छा, बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य, और घर में शांति एवं संतुलन के लिए प्रार्थना करते हैं।
संतान सुख के लिए मथुरा में विशेष पूजन
🪔 श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में मोक्षदा एकादशी पर एक विशेष पूजा अत्यंत श्रद्धा के साथ की जाएगी। इस अनुष्ठान में कई प्रभावशाली पारंपरिक कर्म शामिल होंगे:
11,000 संतानेश्वर गोपाल मंत्र जाप — संतान सुख, सुरक्षा और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा के लिए दिव्य कंपन उत्पन्न करने वाला जप।
श्री लड्डू गोपाल पंचामृत अभिषेक — कृष्ण के बाल रूप को प्रेम और पवित्रता से किया गया विशेष स्नान।
संतान सुख प्राप्ति हवन — परिवार और बच्चों के कल्याण, शुद्धता और सद्भाव के लिए किया जाने वाला पवित्र अग्नि अनुष्ठान।
ये सभी पूजा-विधियाँ उन भक्तों के लिए हैं जो संतान प्राप्ति, अपने बच्चों के स्वास्थ्य, और परिवार में शांति की मनोकामना रखते हैं।
🪔 श्री मंदिर के माध्यम से भक्त इस मोक्षदा एकादशी संतानेश्वर गोपाल आशीर्वाद पूजा में सम्मिलित होकर लड्डू गोपाल के दिव्य सान्निध्य में अपने परिवार के लिए कृपा, सुरक्षा और आध्यात्मिक मार्गदर्शन की प्रार्थना कर सकते हैं।