🌺✨ शुक्रवार को दैवीय साधना का पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन भक्त विशेष रूप से माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों का आशीर्वाद पाने का प्रयास करते हैं और मानते हैं कि उनकी प्रार्थनाएँ सीधे देवी तक पहुँचती हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि शुक्रवार शुक्र ग्रह द्वारा शासित होता है, जो सुंदरता, समृद्धि और शुभता से जुड़ा है। इसी कारण कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट शक्तिपीठ सहित अन्य शक्तिपीठों में शुक्रवार को विशेष श्रद्धा दिखाई जाती है। कार्तिक कृष्ण चतुर्थी और शुक्रवार का संयोग इस दिन की पूजा को और अधिक प्रभावशाली बनाता है।
इस पूजा का मुख्य उद्देश्य पवित्र नवार्ण मंत्र का 11,000 बार जाप करना है। यह मंत्र दुर्गा सप्तशती का सार है और माँ दुर्गा से दिव्य कृपा प्राप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है। शास्त्रों में माँ चामुंडा को चंड और मुंड नामक राक्षसों का संहार करने वाली बताया गया है, जिन्होंने तब शांति स्थापित की जब देवता भी असहाय थे। उनका यह उग्र रूप विशेष रूप से बुरी शक्तियों का नाश करने और भक्तों की रक्षा करने के लिए पूजनीय माना जाता है। नवार्ण मंत्र "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" उनकी प्रत्यक्ष ऊर्जा का संचार करता है। हवन में तंत्रोक्त लाल पुष्पों का प्रयोग शक्ति और विजय का प्रतीक माना जाता है। 11,000 मंत्र जाप और अग्नि में पवित्र आहुति से भक्त शत्रुओं पर विजय और आध्यात्मिक बाधाओं से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।
🪔 कोलकाता के कालीघाट मंदिर में की जाने वाली यह पूजा विशेष रूप से प्रभावशाली मानी जाती है। यह मंदिर उन 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ माना जाता है कि माँ सती का पैर का अंगूठा गिरा था। शक्ति के इस पवित्र स्थान पर की गई प्रार्थनाएँ विशेष रूप से सुनी जाती हैं और भक्तों के जीवन में माँ चामुंडा की सुरक्षा, शक्ति और आशीर्वाद लाती हैं।
श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लेकर आप भी माँ चामुंडा की दिव्य सुरक्षा, विजय और निर्भयता का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।