सनातन धर्म में माता लक्ष्मी का विशेष स्थान है और शुक्रवार के दिन धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को भौतिक समृद्धि और पुराने कर्जों से मुक्ति का वरदान मिलता है। वहीं यदि यह पूजा शक्तिपीठ माँ महालक्ष्मी अम्बाबाई मंदिर में की जाए तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकती है, क्योंकि यह मंदिर पवित्र 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर में केवल भक्त ही नहीं बल्कि सूर्य देव भी साल में तीन बार माँ महालक्ष्मी को प्रणाम करने आते है। मान्यता है कि जो भी भक्त शुक्रवार के दिन इस मंदिर में पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। इसलिए श्री मंदिर द्वारा नव वर्ष 2025 के प्रथम शुक्रवार पर शक्तिपीठ माँ महालक्ष्मी अम्बाबाई मंदिर में 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप, वैभव लक्ष्मी पूजा एवं धन समृद्धि हवन का आयोजन कराया जा रहा है। 3 जनवरी, 2025 का यह विशेष दिन साल की शुभ शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। यह धन और समृद्धि के लिए माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने का आदर्श समय है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ अनुष्ठान करने से पूरे वर्ष सौभाग्य और आर्थिक स्थिरता का वरदान मिलता है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर आयोजित इस शक्तिशाली अनुष्ठान का उद्देश्य धन, समृद्धि और वित्तीय बाधाओं से सुरक्षा के लिए माँ लक्ष्मी के दिव्य आशीर्वाद का आह्वान करना है।
पुराणों के अनुसार, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए महालक्ष्मी मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है। मान्यता है कि शुक्रवार के दिन महालक्ष्मी मंत्र का जाप करने से भक्तों को अपार धन की प्राप्ति होती है और साथ ही साथ उन्हें देवी लक्ष्मी द्वारा सभी प्रकार की आर्थिक बाधाओं से सुरक्षा मिलती है। वहीं देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से एक है वैभव लक्ष्मी। लक्ष्मी जी के इस स्वरूप को वैभव देने वाला माना गया है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी के इस स्वरूप की पूजा-अर्चना एवं धन समृद्धि हवन करने से दरिद्रता से राहत मिलती है और घर में वैभव का आगमन होता है। ऐसे में आप भी नव वर्ष के प्रथम शुक्रवार पर आयोजित इस विशेष अनुष्ठान में भाग लेकर देवी लक्ष्मी का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। अभी श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा को बुक करें।