कभी-कभी हम धन की खोज में इतने आगे बढ़ जाते हैं कि यह भूल जाते हैं कि यदि उसे उपभोग करने के लिए स्वास्थ्य न हो या उसे संचालित करने की बुद्धि न हो, तो वह सुख से अधिक चिंता ला सकता है। यह अधूरापन, यह अदृश्य बाधा जो हमें आगे बढ़ने से रोकती है, इस बात का संकेत है कि हमें एक संपूर्ण समाधान की आवश्यकता है।
शास्त्रों में कहा गया है कि सच्ची और स्थायी समृद्धि प्राप्त करने के लिए हमें पहले अपने भीतर शक्ति का संचार करना चाहिए। यही कारण है कि महा नवमी पर देवी माँ की उपासना को विशेष माना गया है। इस दिन स्वास्थ्य, बुद्धि और धन तीनों के आशीर्वाद एक ही पवित्र अनुष्ठान में प्राप्त करने की परंपरा है। इस वर्ष की महा नवमी और भी शुभ है क्योंकि यह ‘आयुध पूजा’ के साथ पड़ रही है। इस दिन श्रद्धालु अपने उपकरणों – जैसे कृषि के औज़ार, दफ्तर की मशीनें, संगीत वाद्ययंत्र या पुस्तकों – को साफ करके सजाते हैं और उनका पूजन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये सभी वस्तुएँ माँ लक्ष्मी के ही रूप हैं और इनका सम्मान माँ को प्रसन्न करता है।
🌟 आयुध पूजा और महा नवमी का महत्व
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, आयुध पूजा की परंपरा देवी माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर पर विजय प्राप्त करने के बाद शुरू हुई। युद्ध के उपरांत उनके दिव्य अस्त्रों की पूजा की गई। समय के साथ यह परंपरा केवल अस्त्रों तक सीमित नहीं रही बल्कि जीवनयापन के सभी उपकरणों किसान के हल, कलाकार के ब्रश, विद्यार्थी की पुस्तक तक विस्तारित हो गई। इसका असली अर्थ है उन उपकरणों के प्रति कृतज्ञता जताना जो हमारे जीवन को आकार देते हैं, और यह प्रार्थना करना कि उनका उपयोग सदैव शुभ कार्यों में हो। जब हमारा कार्य इस दिव्यता के साथ जुड़ता है, तब हमारे प्रयासों को भी आशीर्वाद मिलता है।
इस पवित्र महा नवमी पर जब हम वैभव लक्ष्मी पूजा और श्री यंत्र पूजा करते हैं, तब हम इसी विजय की दिव्य ऊर्जा से जुड़ते हैं। हम सबसे पहले अपने शरीर और मन को ‘उपकरण’ मानते हुए आरोग्य (स्वास्थ्य) और विद्या (ज्ञान) की प्रार्थना करते हैं। फिर 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप और वैभव लक्ष्मी पूजा के माध्यम से देवी माँ लक्ष्मी को आमंत्रित करते हैं ताकि वे हमारे धन और साधनों को पवित्र करें। जब महा नवमी बुधवार (बुध ग्रह के दिन) को पड़ती है, तो यह बुद्धि और समृद्धि के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से की गई यह विशेष पूजा आपके जीवन में स्वास्थ्य, धन और ज्ञान के दिव्य आशीर्वाद का आह्वान करती है।