🪷 श्री काल भैरव जयंती भगवान शिव के उग्र और रक्षक स्वरूप काल भैरव के प्राकट्य का पावन दिवस माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, जब ब्रह्मांड में अधर्म और अन्याय बढ़ा, तब शिव जी ने भैरव रूप धारण कर दुष्ट शक्तियों का नाश किया और धर्म की फिर से स्थापना की। भैरव देव को समय, न्याय, और सुरक्षा का अधिपति माना गया है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन दिव्य काल में भैरव उपासना करने से अदृश्य शत्रुओं, नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर और भय से रक्षा संभव है। काशी स्थित श्री बटुक भैरव मंदिर में इस भैरव अष्टमी पर 4 दिशा - घर, काम, स्वास्थ्य और रिश्तों में सुरक्षा और स्थिरता के लिए दिव्य अनुष्ठान होने जा रहा है, जिसकी महिमा का वर्णन पूरी तरह शब्दों में नहीं किया जा सकता।
🪷 श्री भैरव अष्टमी पर 11,000 भैरव नाम मंत्र जाप भगवान काल भैरव की कृपा पाने का अत्यंत शक्तिशाली माध्यम माना जाता है। काल भैरव, शिव के रक्षक और दंडदाता स्वरूप हैं, जो समय, न्याय और सुरक्षा के अधिपति माने जाते हैं। ऐसा विश्वास है कि भैरव नामों का जाप मन, शरीर और वातावरण से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है तथा अदृश्य बाधाओं से रक्षा प्रदान करता है। यह साधना विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी मानी गई है, जो भय, शत्रु बाधा, बुरी नज़र या मानसिक अस्थिरता जैसी स्थितियों का सामना कर रहे हों। साथ ही यह अनुष्ठान भक्तों को 4 दिशाओं से जुड़ा आशीर्वाद दे सकता है, जो जीवन के बेहद महत्वपूर्ण अंग हैं।
🪷 काशी के प्राचीन श्री बटुक भैरव मंदिर में संपन्न होने वाला 4 दिशा भव्य कवच काल भैरव रक्षा महाअनुष्ठान भगवान भैरव की विशेष उपासना है। शास्त्रों में भैरव देव को ‘काशी का कोतवाल’ कहा गया है, जो अपने भक्तों की अदृश्य शत्रुओं, नकारात्मक ऊर्जाओं और भय से रक्षा करते हैं। इस अनुष्ठान में चारों दिशाओं की दिव्य शक्तियों को साक्षी मानकर भैरव कवच, भैरव नाम जप और विशेष महायज्ञ किया जाता है। विद्वान मानते हैं कि यह साधना मानसिक दृढ़ता, आत्मविश्वास और जीवन में सुरक्षा की अनुभूति बढ़ाती है और घर, काम, स्वास्थ्य और रिश्तों में सुरक्षा-स्थिरता के द्वार खोल सकती है।
📿श्री मंदिर द्वारा 11,000 भैरव नाम मंत्र जाप 4 दिशा भव्य कवच काल भैरव रक्षा महाअनुष्ठान और महायज्ञ में भाग लें और घर, काम, स्वास्थ्य और रिश्तों में सुरक्षा-स्थिरता का आशीष पाएं