माँ चामुंडा देवी शक्ति की प्राण रूपा और वीरांगना स्वरूपा हैं। उन्हें शक्ति का अपार स्रोत माना जाता है। माँ चामुंडा देवी दैत्य-राक्षसों का संहार कर धर्म की स्थापना करती हैं। उनका रूप भयंकर होते हुए भी भक्तों पर दया और करुणा बरसाता है। वह अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और जीवन में नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा का अनुभव दिला सकती हैं। उनके आशीर्वाद से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि का वातावरण बन सकता है। कहते हैं कि माँ चामुंडा देवी की कृपा से जीवन की कई परेशानियाँ जैसे शत्रु बाधाएँ, रोग-व्याधियाँ और प्रियजनों से दूर रहने वाली कठिनाइयाँ कुछ हद तक कम महसूस हो सकती हैं। जो भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ उनके पास आते हैं, उन्हें मानसिक शक्ति, साहस और सुरक्षा का अनुभव हो सकता है।
उनका आशीर्वाद उपासक के मन, वचन और कर्म को शुद्ध कर नकारात्मक परिस्थितियों और अन्य परेशानियों से राहत की ओर मार्गदर्शन कर सकता है। इसी दिव्य कृपा को पाने के लिए हिमाचल के श्री चामुंडा देवी मंदिर में 108 दुर्गा सप्तशती पाठ और नवार्ण मंत्र हवन का आयोजन किया जाता है। इस अनुष्ठान में माँ चामुंडा के शक्ति-संपन्न स्वरूप की आराधना श्रेष्ठ मंत्रों के साथ की जाएगी। जिसके अतंर्गत 108 दुर्गा सप्तशती पाठ के माध्यम से माँ के बलिदान और स्तुतियों की कथाएँ दोहराई जाती हैं, जिससे भक्तों के मन में शक्ति का अनुभव हो सकता है और नकारात्मक परिस्थितियों से निपटने की क्षमता बढ़ सकती है। साथ ही नवार्ण मंत्र का जाप हवन के माध्यम से किया जाता है।
हवन से वातावरण पवित्र होता है, मन में शांति का अनुभव होता है और जीवन में सुख-संवर्धन का अहसास हो सकता है। यह अनुष्ठान न केवल बाहरी कठिनाइयों के लिए मददगार हो सकता है, बल्कि आंतरिक डर, मानसिक उलझन और कमजोरियों को शांत करने का अनुभव भी दे सकता है। इस प्रकार, 108 दुर्गा सप्तशती पाठ और नवार्ण मंत्र हवन से माँ चामुंडा देवी की कृपा का अनुभव कर भक्त जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आत्मविश्वास और मानसिक शांति का अनुभव कर सकते हैं। यह अनुष्ठान नकारात्मक प्रभावों से राहत और आध्यात्मिक उन्नति का एक साधन बन सकता है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस अनुष्ठान में भाग लेकर आप माँ चामुंडा देवी की दिव्य कृपा का अनुभव कर सकते हैं और अपने जीवन में नई ऊर्जा, शक्ति और सकारात्मकता ला सकते हैं।