कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे जीवन पर अंधेरा छा गया है। सारी मेहनत और सच्ची प्रार्थना के बावजूद बाधाएँ आती रहती हैं और मन को शांति नहीं मिलती। ऐसा तब होता है जब हमारे भीतर की दिव्य ऊर्जा कमजोर हो जाती है। हमारे शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव जीवन और ऊर्जा के स्रोत हैं। उनकी पूजा करने से हमारे जीवन की अंधकारमय बाधाओं को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा और शक्ति पाने में मदद मिलती है। छठ का पर्व सूर्य देव और छठी मइया की दिव्य ऊर्जा से जुड़ने का सबसे पवित्र अवसर है। इस दिन उनकी कृपा से सफलता और जीवन में भलाई की प्रार्थना की जाती है।
रामायण में भी आदित्य हृदय स्तोत्र का महत्व बताया गया है। जब भगवान श्री राम रावण के साथ अंतिम युद्ध के लिए चिंतित थे, उस समय महर्षि अगस्त्य ने उन्हें आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने की सलाह दी। पूरी भक्ति से इस स्तोत्र का जाप करने पर भगवान राम को सूर्य देव की शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त हुआ और वे विजयी हुए। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि चाहे कठिनाइयाँ कितनी भी बड़ी हों, सूर्य देव के आशीर्वाद से सफलता मिल सकती है।
इस छठ पर यह विशेष पूजा आपके जीवन में वही दिव्य शक्ति लाती है। 108 आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ गलता जी सूर्य मंदिर में किया जाएगा ताकि सभी बाधाएँ दूर हों। छठ कथा सुनने से मन में भक्ति का भाव जागता है। गंगा जल से अर्घ्य असी घाट पर दिया जाएगा, जो सूर्य देव को जीवन, स्वास्थ्य और शांति के लिए भेंट है। यह अनुष्ठान हमारे जीवन के लिए उनका धन्यवाद देने और उनकी रोशनी का मार्गदर्शन पाने का सरल तरीका है।
यह विशेष पूजा श्री मंदिर के माध्यम से सूर्य देव के आशीर्वाद आपके जीवन में सफलता, स्वास्थ्य और शांति लाती है।