🪴 हिंदू धर्म के अनुसार, एकादशी तिथि भगवान श्री विष्णु की उपासना के लिए सबसे पवित्र दिनों में से एक मानी जाती है। सनातन धर्म में उन्हें सृष्टि के पालनकर्ता और संरक्षक के रूप में अत्यंत श्रद्धा के साथ पूजा जाता है। एकादशी का महत्व प्राचीन ग्रंथों जैसे विष्णु पुराण, भागवत पुराण और पद्म पुराण में स्पष्ट रूप से वर्णित है, जहाँ बताया गया है कि इस दिन किए गए उपवास और प्रार्थना से मन, शरीर और आत्मा शुद्ध होते हैं और पूर्वजन्म के कर्म नष्ट होकर मोक्ष की प्राप्ति में सहायता मिलती है। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष एकादशी, जो 15 नवम्बर 2025 को पड़ रही है, उन लोगों के लिए विशेष रूप से शुभ मानी जाती है, जो जीवन में स्थिरता, नौकरी में सफलता और आर्थिक राहत चाहते हैं।
🪔 इस दिन यदि श्रद्धा पूर्वक भगवान विष्णु की उपासना की जाए, तो उनके दिव्य आशीर्वाद से भौतिक चिंताएँ और मानसिक उलझन दूर होती हैं। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्री विष्णु सभी सृष्टि के पालनकर्ता और धर्मसंगत जीवन देने वाले हैं। विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र में उन्हें हजारों पवित्र नामों के माध्यम से पूज्य कहा गया है, जिनमें प्रत्येक नाम अद्वितीय दिव्य शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। इन नामों का भक्ति भाव से जाप शांति, समृद्धि और सफलता प्रदान करता है। 1008 कमल अर्चना - यानी भगवान को 1008 कमल अर्पित करना - यह अहंकार का त्याग और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति का प्रतीक है, जिससे करियर और धन के नए मार्ग खुलते हैं।
🪔 तिरुनेलवेली के प्रसिद्ध एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भक्त इस पवित्र पूजा में शामिल होते हैं, जहाँ भगवान विष्णु को जीवन के संघर्षों में मार्गदर्शक और शाश्वत रक्षक के रूप में पूजा जाता है। जैसे ही कमल के पुष्पों की खुशबू वातावरण में फैलती है और विष्णु सहस्रनाम का मधुर जाप गूंजता है, भक्त स्पष्ट सोच, व्यवसाय में वृद्धि और जीवन के सभी पहलुओं में समृद्धि के लिए उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से आयोजित यह पवित्र 1008 कमल अर्चना और विष्णु सहस्रनाम पूजा एकादशी के दिन एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में भक्तों को सफलता, शांति और दिव्य समृद्धि की ओर ले जाती है।