👉 त्रिवेणी संगम पर मासिक दुर्गा अष्टमी के शुभ अवसर पर माँ दुर्गा, माँ लक्ष्मी और माँ सरस्वती का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें 🙏
सनातन धर्म में हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का पावन पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन मां दुर्गा (शक्ति), मां लक्ष्मी (श्री) और मां सरस्वती (विद्या) के दिव्य स्वरूपों की पूजा करना अत्यंत शुभ होता है, इससे शक्ति, समृद्धि और बुद्धि प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि मासिक दुर्गा अष्टमी पर त्रिदेवी पूजा करने से व्यक्ति को शारीरिक, भौतिक और आध्यात्मिक कल्याण का आशीर्वाद मिलता है। वहीं यदि ये अनुष्ठान त्रिवेणी संगम पर किए जाएं तो यह दुगुने प्रभावी हो जाते हैं। गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के पवित्र संगम त्रिवेणी संगम को आध्यात्मिक परिवर्तन के लिए एक शक्तिशाली स्थल माना जाता है। जिस तरह ये नदियां मिलकर दिव्य पवित्रता का प्रतीक बनती हैं, उसी तरह त्रिदेवी पूजा जीवन के तीन मूलभूत पहलुओं- शक्ति, समृद्धि और बुद्धि को एक साथ पाने में सहायक मानी जाती है। मान्यता इस पवित्र संगम पर पूजा करने से पिछले कर्मों का शुद्धिकरण होता है, खुशहाली बढ़ती है और भक्तों को ईश्वरीय कृपा प्राप्त होती है।
इसीलिए दुर्गाष्टमी के शुभ अवसर पर प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर 11,000 दुर्गा बीज मंत्र जाप, अष्ट लक्ष्मी यज्ञ और सरस्वती वंदना का आयोजन किया जा रहा है। इन शक्तिशाली मंत्रों और आहुति के माध्यम से माँ दुर्गा की कृपा से शक्ति और रक्षा, माँ लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक स्थिरता और सफलता, तथा माँ सरस्वती की कृपा से बुद्धि और रचनात्मकता का आह्वान किया जाता है। दुर्गा बीज मंत्र—"ॐ दुं दुर्गायै नमः"—को दिव्य आशीर्वाद को बढ़ाने, बाधाओं को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित करने वाला माना जाता है। वहीं अष्ट लक्ष्मी यज्ञ में माँ लक्ष्मी के आठ रूपों का आह्वान किया जाता है,जिनसे धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति का आशीष मिलता है, जबकि सरस्वती वंदना बुद्धि, ज्ञान और आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि को बढ़ाती है। मान्यता है कि मासिक दुर्गा अष्टमी पर त्रिवेणी संगम पर इस त्रिदेवी पूजा में भाग लेने से पूर्ण शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान सुनिश्चित होता है। आप भी इस पवित्र अनुष्ठान में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और सुरक्षा, समृद्धि और ज्ञान के लिए शक्ति, श्री और विद्या का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।