जैसे ही साल अपने अंत की ओर बढ़ता है, कई लोग पीछे मुड़कर देखते हैं और महसूस करते हैं कि 2025 की कुछ परेशानियाँ पूरे साल साथ बनी रहीं, खासकर रिश्तों और विवाह से जुड़े मामलों में, जो लोग विवाह की इच्छा रखते थे, उनके निर्णय बार-बार टलते रहे। वहीं जो पहले से रिश्ते में थे, उन्हें गलतफहमियों, भावनात्मक दूरी या बार-बार होने वाले विवादों का सामना करना पड़ा, जिससे मानसिक दबाव बढ़ता चला गया।
मंगल के वर्ष में ये स्थितियाँ और अधिक स्पष्ट हो जाती हैं। शास्त्रों के अनुसार, जब मंगल दोष सक्रिय होता है, तो उसका असर विवाह में देरी और स्वभाव में तीखापन दोनों पर देखा जाता है। छोटी बातें भी बड़ी लगने लगती हैं, अहं और क्रोध बढ़ सकता है और रिश्तों में संतुलन बनाना कठिन महसूस होता है। यह असंतुलन न केवल भविष्य की संभावनाओं को प्रभावित करता है, बल्कि वर्तमान संबंधों में भी तनाव पैदा करता है।
इसी कारण मंगल के इस वर्ष में मंगल दोष निवारण पूजा करने का यह अंतिम अवसर माना जाता है। जब किसी ग्रह के प्रभाव काल के अंत में अनुष्ठान किया जाता है, तो शास्त्रों में इसे अधिक अर्थपूर्ण माना गया है, क्योंकि साधक अपनी भावना और संकल्प को उस ग्रह के अंतिम प्रभाव के साथ जोड़ता है।
यह विशेष पूजा उज्जैन स्थित मंगलनाथ महादेव मंदिर में संपन्न की जाती है, जिसे भगवान मंगल देव का जन्मस्थान माना जाता है। यहाँ की पूजा परंपरागत रूप से तीव्र ऊर्जा को शांत करने और भावनात्मक संतुलन को मजबूत करने से जोड़ी जाती है। जब भगवान शिव की कृपा और मंगल देव की ग्रह शांति एक साथ साधी जाती है, तो यह अनुष्ठान विवाह से जुड़ी बाधाओं, स्वभाव की कठोरता और आपसी समझ की कमी को शांत करने की भावना से किया जाता है।
इस अनुष्ठान में 10,000 मंगल मूल मंत्र जाप और उसके बाद दशांश हवन किया जाता है। प्रत्येक मंत्र स्थिरता और संतुलन की भावना के साथ जपा जाता है और प्रत्येक आहुति जीवन में शांति और भावनात्मक स्पष्टता की प्रार्थना के रूप में अर्पित की जाती है।
यह पूजा 31 दिसंबर, यानी साल के अंतिम दिन आयोजित की जा रही है। यह तिथि प्रतीक रूप से पुराने कठिन चक्रों के समापन और नए वर्ष में संतुलन के साथ प्रवेश का संकेत देती है। इस मंगल दोष निवारण पूजा के माध्यम से भक्त 2026 की शुरुआत अधिक स्पष्टता, मानसिक स्थिरता और सकारात्मक दृष्टि के साथ करने की कामना करते हैं।
श्री मंदिर के माध्यम से आयोजित यह विशेष अनुष्ठान उन लोगों के लिए एक आध्यात्मिक अवसर है, जो रिश्तों में आ रहे भावनात्मक अवरोधों को समझना चाहते हैं, वर्तमान संबंधों में सामंजस्य लाना चाहते हैं या विवाह के मार्ग को सहज बनाना चाहते हैं।