🌸 ज्योतिष में मंगल दोष (जिसे मांगलिक दोष या कुज दोष भी कहते हैं) तब बनता है, जब जन्म कुंडली में मंगल 1वें, 2वें, 4थे, 7वें, 8वें या 12वें भाव में स्थित होता है। इससे विवाह में देरी, दांपत्य कलह, बार-बार झगड़े, बढ़ते कर्जे, करियर में अस्थिरता जैसी समस्याएं जीवन में घर बना लेती हैं। मंगल साहस, कर्म और अग्नि का प्रतीक है। जब इसकी ऊर्जा असंतुलित होती है, तो यह रिश्तों में तनाव, अहंकार और बार-बार आने वाली रुकावटों का कारण बनने लगती है। शास्त्रों में इसे कर्मजन्य असंतुलन भी माना गया है, जिसे भक्ति और उपायों से शांत किया जा सकता है। मंगलनाथ महादेव की पूजा को मंगल दोष शांति के लिए अत्यंत प्रभावी माना गया है। इसी महत्व के साथ श्री मंदिर द्वारा उज्जैन के श्री मंगलनाथ महादेव मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन हो रहा है, जो अपने आप में सुनहरा अवसर है।
🌸 पुराणों और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, उज्जैन का श्री मंगलनाथ महादेव मंदिर वह पवित्र स्थान है, जहां ग्रह मंगल की उत्पत्ति मानी जाती है। यहां भगवान शिव की पूजा श्री मंगलनाथ के रूप में होती है, जो मंगल के अधिपति हैं। परंपरागत रूप से भक्त यहां मंगल दोष से राहत, मन की शांति और जीवन में संतुलन के लिए आते हैं। उज्जैन स्वयं सात मोक्षपुरी में से एक है, इसलिए महाकाल क्षेत्र में की गई पूजा गहरे कर्म दोषों को शांत करने में विशेष फलदायी मानी गई है।
🌸 इस विशेष पूजा में 10,000 मंगल मंत्र जाप किया जाएगा, जिससे मंगल की उग्र ऊर्जा शांत होकर संतुलित होती है। इसके बाद मंगल हवन संपन्न होगा, जिसमें पवित्र अग्नि में मंत्रों की आहुति दी जाती है। अग्नि मंगल का स्वाभाविक तत्व है, इसलिए अग्नि के माध्यम से की गई प्रार्थना से क्रोध, बाधाएं और नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं। यह महापूजा मंगलवार को प्रभावी है, क्योंकि स्वयं उनका दिन है। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष महापूजा में शामिल हों और पवित्र मंगलवार और साल के आखिरी अवसर पर श्री मंगलनाथ महादेव का आशीर्वाद पाएं। मंगल दोष से जुड़ी समस्याओं का समाधान पाने और जीवन के प्रभावित क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव का यह विशेष दिन है।।