🕉️ गणेश चतुर्थी पर घर बैठे श्री चिंतामण मंदिर में लाइव आरती का सुनहरा अवसर 📿
🍃 गणपति बप्पा मोरिया! 🍃
🪔🌸 गणेश चतुर्थी पर श्री गणेश जी का महा श्रृंगार विशेष रूप से भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माना गया है। इस अनुष्ठान में गणेश जी को नये वस्त्र, मुकुट, आभूषण, पुष्पमालाओं और सुगंधित चंदन से सजाया जाता है। गणेश जी का लाल और पीले रंग का श्रृंगार शुभ माना गया है। गणपति बप्पा को मोदक, लड्डू और फल अर्पित किए जाते हैं और दूर्वा और सिंदूर से उनका महाश्रृंगार किया जाता है। श्री मंदिर द्वारा उज्जैन के चिंतामण मंदिर में होने जा रहा महा श्रृंगार केवल बाहरी सजावट नहीं, बल्कि गणेश जी के प्रति प्रेम, कृतज्ञता और आस्था का अर्पण है, जो भक्तों को दिव्य आनंद का अनुभव कराता है।
🔱 उज्जैन का श्री चिंतामण गणेश मंदिर बेहद प्राचीन और श्रद्धा का अनोखा केंद्र है। यहां गणेश जी को ‘चिंतामण गणेश’ के रूप में पूजा जाता है, जो भक्तों की चिंताओं का पल भर में निवारण कर सकते हैं। गणेश चतुर्थी पर यहां की लाइव आरती का दृश्य भक्तों को दिव्य अनुभव कराता है। मंदिर में दीप, धूप, घंटियों की ध्वनि और भक्तों के जयकारों से वातावरण बेहद पावन हो उठता है। श्री मंदिर के माध्यम से दूर बैठे श्रद्धालु भी इस महा आरती में शामिल होकर आशीर्वाद पा सकते हैं। चिंतामण गणेश जी की यह आरती जीवन में बप्पा का आशीर्वाद, शांति, सुरक्षा और शुत्रुविजय का आशीष देती है।
🪔 इस मंदिर में स्थापित गणेश जी की मूर्ति स्वयंभू मानी जाती है। भक्तों की सभी चिंताओं का निवारण करने वाले श्री चिंतामण गणेश की यह आरती जीवन को एक नई दिशा दे सकती है। गणेश चतुर्थी का पुराणों में ख़ास महत्व है। कथा के अनुसार, माता पार्वती ने अपने उबटन से गणेश जी की रचना कर उन्हें द्वारपाल बनाया। भगवान शिव ने क्रोध में उनका मस्तक काट दिया, बाद में हाथी का सिर लगाकर उन्हें पुनर्जीवित किया। तभी से गणेश जी प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता कहलाए, और देश-दुनिया में धूमधाम से गणेश चतुर्थी मनाई जाने लगी।
🌙 श्रद्धालु विश्वास करते हैं कि गणेश चतुर्थी जैसे अवसर पर यहां का महाश्रृंगार और लाइव आरती सुख-समृद्धि, मानसिक शांति और विघ्न-बाधाओं से राहत दिला सकती है। महाश्रृंगार में जब गणपति जी को नए वस्त्र, मुकुट, फूल-मालाओं, चंदन और आभूषणों से सजाया जाता है तो ये दृश्य आंखों से होते हुए दिल में उतर जाता है। श्री मंदिर द्वारा आयोजित होने जा रही ये लाइव आरती और महा श्रृंगार सेवा, जीवन में एक के बाद एक पैदा हो रहे शत्रुओं से बचा सकती है। बुधवार और गणेश चतुर्थी का शुभ संयोग, भक्तों के जीवन में नया बदलाव ला सकता है।