क्या आपको भी बार-बार आर्थिक तंगी, कर्ज़ का बोझ और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है? 😔
आज की दुनिया में ऋण जीवन का एक हिस्सा बन गया है। लेकिन जब यह बोझ असहनीय हो जाए, तो यह न सिर्फ आर्थिक रूप से, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी व्यक्ति को तोड़ देता है। चिंता, अनिद्रा और कर्ज़दाताओं का मानसिक दबाव जीवन की स्थिरता छीन लेते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जीवन में बार-बार आने वाली ऋण संबंधी समस्याओं का कारण पिछले जन्मों के कर्मों का ऋण या नकारात्मक ग्रहों का प्रभाव हो सकता है। ऐसे में भगवान शिव की उपासना विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।
हिंदू धर्म में प्रदोष तिथि का विशेष महत्व है। यह हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाई जाती है। एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा के अनुसार, चंद्रमा ने दक्ष की 27 कन्याओं से विवाह किया, परंतु वह रोहिणी को अधिक प्रेम करते थे। इससे अन्य पत्नियों ने नाराज होकर राजा दक्ष से शिकायत की, जिन्होंने क्रोधित होकर चंद्रमा को क्षय रोग का श्राप दे दिया। कलाएं घटने लगीं, जिससे पृथ्वी पर संकट छा गया। तब नारद मुनि की सलाह पर चंद्रमा ने भगवान शिव की आराधना की। प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें श्राप से मुक्त कर जीवनदान दिया।
इसी कारण त्रयोदशी की यह तिथि भगवान शिव को समर्पित मानी जाती है। विशेषकर जब यह तिथि मंगलवार को पड़े, तो उसे भौम प्रदोष कहा जाता है, जो ऋण मुक्ति और आर्थिक बाधाओं को दूर करने के लिए अत्यंत शुभ और प्रभावशाली मानी जाती है।
🔱 भौम प्रदोष पर ओंकारेश्वर में विशेष भौम प्रदोष शिव ऋण विमोचन पूजा का आयोजन
ऋण विमोचन का अर्थ केवल धन संबंधी कर्ज से मुक्ति नहीं है, बल्कि यह पिछले जन्मों के कर्मों और आध्यात्मिक बाधाओं से मुक्ति का भी प्रतीक है। वैदिक मंत्रों और पवित्र सामग्रियों के साथ श्रद्धा से किए गए शिव रुद्राभिषेक के माध्यम से जीवन के दोष शांत होते हैं, कर्मजनित ऋण कम होता है और मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।
भगवान शिव को महादेव, अर्थात सभी देवों के देव के रूप में पूजनीय माना जाता है। उनकी पूजा रुद्र रूप में की जाती है, जो नकारात्मकता का विनाशक और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है। रुद्राष्टाध्यायी के अनुसार, रुद्र रूप में की गई पूजा से शुभ फल मिलते हैं और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खुलता है। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, मध्य प्रदेश स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, शिव की दिव्य ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। यहां की आराधना साधक को गहन आत्मिक अनुभव और शिव कृपा प्रदान करती है।
इसी विशेष अवसर को देखते हुए, इस भौम प्रदोष तिथि पर श्री मंदिर द्वारा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में शिव ऋण विमोचन यज्ञ एवं रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। आप भी इस विशेष अवसर पर भाग लेकर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें और जीवन को ऋणमुक्त व शांतिमय बनाने का आशीर्वाद प्राप्त करें।