राहु को नवग्रहों में छिपी हुई शक्तियों का ग्रह कहा जाता है। इसका प्रभाव अचानक परिवर्तन, मानसिक भ्रम, भय, और जीवन की रुकावटों के रूप में दिखाई देता है। जब राहु की स्थिति जन्मकुंडली में अशुभ होती है, तो व्यक्ति को बिना कारण परेशानियाँ, निर्णयों में अस्थिरता और जीवन में अकारण बाधाओं का सामना करना पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि राहु मनुष्य के कर्मों की परीक्षा लेकर उसे आंतरिक रूप से मजबूत बनाता है, लेकिन जब इसका प्रभाव अत्यधिक बढ़ जाता है, तब उसे शांत करने के लिए शिव उपासना सबसे प्रभावी मानी जाती है।
भगवान शिव ही वे देवता हैं जिन्होंने राहु और केतु दोनों को अमृत पान करने के बाद भी शांति दी थी। इसलिए जब राहु अशांत होता है, तब शिव की आराधना से उसकी उग्र ऊर्जा संतुलित होती है। इसी उद्देश्य से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में आर्द्रा नक्षत्र रुद्र-राहु शक्ति अनुष्ठान विशेष का आयोजन किया जा रहा है। इस अनुष्ठान में एकादश रुद्रम पाठ, पंचामृत रुद्राभिषेक और 18,000 राहु मूल मंत्र जाप संपन्न किए जाएंगे। यह अनुष्ठान उन लोगों के लिए विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है जो लंबे समय से किसी जिद्दी बाधा, नकारात्मकता या मानसिक अस्थिरता से जूझ रहे हैं।
इस अनुष्ठान की शक्ति को बढ़ाने के लिए यह पूजन ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में आयोजित किया जा रहा है जोकि नर्मदा तट पर स्थित है, जहाँ भगवान शिव का “ओंकार” स्वरूप प्रकट हुआ था। ऐसा माना जाता है कि यहाँ किया गया हर रुद्राभिषेक शीघ्र फलदायी होता है और ग्रहों के दोषों को शांति प्रदान करता है। इस स्थल की ऊर्जा मन और आत्मा दोनों को संतुलित करती है। यह विशेष अनुष्ठान इस बार आर्द्रा नक्षत्र के शुभ योग में किया जा रहा है। आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी राहु है और इसके अधिष्ठाता देवता भगवान रुद्र माने जाते हैं। यह नक्षत्र रुद्र की तेजस्वी और परिवर्तनकारी शक्ति का प्रतीक होता है।
जब राहु इस नक्षत्र में आता है, तो उसकी ऊर्जा बहुत सक्रिय हो जाती है। ऐसे समय में भगवान रुद्र और राहु की संयुक्त पूजा करने से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं, मन की बेचैनी दूर होती है और जीवन में संतुलन व स्थिरता आती है। इस दिव्य अवसर पर आयोजित अनुष्ठान में सहभागी बनकर आप भी रुद्र की कृपा और राहु की शांति का अनुभव कर सकते हैं।
🔱 देर न करें श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजन में भाग लेकर जीवन की बाधाओं से राहत और शुभ ऊर्जा का आशीर्वाद प्राप्त करें। 🙏🕉️