सनातन धर्म में राहु और सूर्यदेव की संयुक्त आराधना बेहद प्रभावी और फलदायी माना गया है। सूर्य देव प्रकाश, स्पष्टता और जीवन शक्ति के प्रतीक हैं, जबकि राहु मन की गहन परतों, भ्रम, भय और अदृश्य प्रभावों का कारक माने जाते हैं। जब दोनों की आराधना साथ में की जाती है, तो यह साधक को अंतर्मन की उलझनों को समझने, सत्य को पहचानने और जीवन में सही दिशा पाने में सहायक मानी गई है। साथ ही जब सूर्यदेव का तेज और राहु की आक्रामकता का बेहतर संतुलन बनता है, तो व्यक्ति करियर, राजनीति, सरकारी नौकरियों में उन्नति की राह पर बढ़ जाता है। राहु एक क्षण में व्यक्ति को ज़मीन से आसमान और आसमान से ज़मीन पर लाने की शक्ति रखते हैं, इसलिए सूर्य के साथ उनकी यह आराधना ग्रह दोषों से राहत का दिव्य माध्यम मानी गई है।
इस रविवार को राहु-सूर्य दोष निवारण पूजा इसलिए भी ख़ास है, क्योंकि यह आर्द्रा नक्षत्र काल में संपन्न की जाएगी, जो राहु शासित नक्षत्र है। इसी समय जब सूर्यदेव की तेजस्वी ऊर्जा के साथ राहु का प्रभाव असंतुलित हो जाए, तो व्यक्ति को भ्रम, निर्णय में अस्थिरता, आत्मविश्वास की कमी और जीवन में अनजानी रुकावटों का अनुभव हो सकता है। आर्द्रा नक्षत्र में की गई राहु-सूर्य दोष निवारण पूजा भक्तों के भीतर स्पष्टता, स्थिरता और सही दिशा को जगाने में सहायक मानी गई है। इस अनुष्ठान में सूर्य के प्रकाश और राहु के गहन मनोबल, दोनों को संतुलित करने की प्रार्थना की जाती है, जिससे जीवन में आगे बढ़ने के रास्ते सदैव स्पष्ट और फलदायी रहें।
🔱 श्री राहु पैठाणी मंदिर में राहु-सूर्य अनुष्ठान 🕉️
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग स्थित राहु पैठाणी मंदिर को राहु दोष शमन का अत्यंत शक्तिशाली स्थल माना गया है। मान्यता है कि यहां भगवान राहु की उपासना करने से जीवन में बार-बार आने वाली अड़चनें, भय, भ्रम और अनिश्चितता दूर होने लगती है। विशेष रूप से राहु-सूर्य अनुष्ठान ग्रहण दोष, करियर में रुकावट, मान-सम्मान की हानि, और करियर अस्थिरता को शांत करने के लिए किया जाता है। इस अनुष्ठान में सूर्य देव की प्रकाश-शक्ति और राहु की छाया-ऊर्जा को विद्वान पुरोहितों द्वारा संतुलित किया जाता है, जिससे जीवन में स्पष्टता, आत्मविश्वास और आगे बढ़ने की दिशा प्राप्त हो सकती है।
🙏 आप भी रविवार को होने जा रही राहु-सूर्य दोष निवारण पूजा में भाग लेकर करियर, राजनीति और सरकारी नौकरियों में सफलता का आशीर्वाद पा सकते हैं।