🌺 मां चामुंडा को देवी दुर्गा का वह उग्र और रक्षक रूप माना गया है, जो अपने भक्तों की हर दिशा से रक्षा करती हैं। वे न केवल बुराई का नाश करती हैं, बल्कि अपने भक्तों को अटूट साहस और शक्ति प्रदान करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब कोई व्यक्ति जीवन में कठिनाइयों, भय या अदृश्य बाधाओं से घिर जाता है, तब मां चामुंडा की उपासना उसके जीवन में दिव्य प्रकाश लाती है। उनका नाम लेते ही एक ऐसा विश्वास जाग्रत होता है कि कोई भी नकारात्मक शक्ति हमारे समीप नहीं आ सकती।
🌿 जीवन में कई बार ऐसे क्षण आते हैं जब सब कुछ होते हुए भी राह में अड़चनें आने लगती हैं। अचानक बने काम रुक जाते हैं, प्रयासों के बाद भी सफलता हाथ नहीं आती, या मन पर अजीब-सा भय हावी रहता है। ऐसा माना जाता है कि ये सब नकारात्मक ऊर्जाओं और अदृश्य शक्तियों का प्रभाव होता है, जो हमारे जीवन की ऊर्जा को अवरुद्ध कर देती हैं। इन परिस्थितियों में मां दुर्गा और मां चामुंडा की शरण ही वह आश्रय बनती है, जहाँ से सच्ची सुरक्षा और शांति प्राप्त होती है।
🔱देवी की कृपा के आह्वान के लिए देवी साधना के लिए सबसे फलदायी दिन शुक्रवार को माना जाता है इसीलिए श्री चामुंडा देवी सिद्धपीठ, कांगड़ा में एक अत्यंत पवित्र अनुष्ठान जिसमें दुर्गा सप्तशती पाठ एवं चामुंडा महायज्ञ शामिल है का आयोजन किया जा रहा है। इस अनुष्ठान में मां दुर्गा की स्तुति के रूप में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाएगा, जिससे वातावरण में देवी ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ ही चामुंडा महायज्ञ के माध्यम से मां चामुंडा से प्रार्थना की जाएगी कि वे अपने भक्तों को हर प्रकार की नकारात्मकता, भय और संकट से राहत प्रदान करें। यह विशेष पूजन मां की कृपा प्राप्त करने का दुर्लभ अवसर है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा से इस अनुष्ठान में सम्मिलित होता है, उसे मां की दिव्य सुरक्षा, साहस और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस महायज्ञ में भाग लेकर मां दुर्गा और मां चामुंडा के आशीष से अपने जीवन में शक्ति, स्थिरता और सकारात्मकता का अनुभव कर सकते हैं।