शरद पूर्णिमा, जो इस वर्ष 6 अक्टूबर को पड़ रही है, भारतीय परंपरा में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे रास पूर्णिमा या कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूरी कलाओं के साथ उदित होता है और उसकी किरणों को अमृत तुल्य ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। परंपरा के अनुसार, इस रात भगवान श्री कृष्ण ने ब्रजभूमि में गोपियों के साथ महा-रास लीला रची थी, जिसमें उन्होंने प्रत्येक गोपी के साथ दिव्य प्रेम और आनंद का अनुभव कराया। यही कारण है कि शरद पूर्णिमा पर कृष्ण जी की विशेष पूजा और साधना की जाती है। कुंज बिहारी भगवान श्रीकृष्ण का वह रूप है जिसमें वे वृंदावन के कुंजों और बागों में राधा और गोपियों के साथ अपनी लीलाओं में लीन रहते हैं।
इस रूप की पूजा से भक्त कृष्ण के प्रेममय और आनंदमय स्वरूप का अनुभव करते हैं। शरद पूर्णिमा की रात इस पूजा के लिए विशेष रूप से उपयुक्त मानी जाती है क्योंकि चंद्रमा का निर्मल प्रकाश और शांत वातावरण भक्ति और ध्यान के लिए अनुकूल होता है। भक्त इस समय अपने मन को स्थिर कर, कृष्ण जी की लीलाओं और उनके प्रेममय स्वरूप का ध्यान करते हैं। इस अवसर पर 11,000 बार "ॐ कृष्णाय नमः" मंत्र का जाप किया जाता है। यह बीजमंत्र आध्यात्मिक आकर्षण और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि लगातार मंत्र जाप से साधक का मन एकाग्र होता है और वह दिव्य प्रेम, भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा की ओर स्थिर रहता है। यह साधना मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक संतुलन को भी बढ़ाती है।
शरद पूर्णिमा से जुड़ी कथाओं में महा-रास लीला का वर्णन विशेष रूप से आता है। इस रात को कृष्ण जी ने सभी गोपियों के साथ ऐसा अनुभव कराया कि प्रत्येक गोपी को लगा कि भगवान केवल उनके साथ नृत्य कर रहे हैं। इसी रात मां लक्ष्मी भी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जागरण करने वाले भक्तों को देखती हैं। उनका दृष्टि प्रेम और भक्ति के मार्ग पर साधक की आस्था और श्रद्धा को स्थिर करती है। इस दिन कुंज बिहारी पूजा और मंत्र जप साधक के जीवन में आध्यात्मिक आनंद, मानसिक संतुलन और स्थिरता स्थापित करने का माध्यम बनते हैं। यह साधना न केवल भक्ति और प्रेम का अनुभव कराती है बल्कि जीवन में संतुलन और स्थिरता बनाए रखने में भी सहायक होती है।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस शरद पूर्णिमा पर कुंज बिहारी पूजा में भाग लेकर श्री कृष्ण की कृपा से जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा, प्रेम और संतुलन का अनुभव कर सकते हैं।🙏