🛞कभी-कभी, ज़िंदगी के हर क्षेत्र में अपनी पूरी कोशिश करने के बावजूद, हमें अनचाही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यह बिज़नेस में, रिश्तों में, या हमारी सेहत में भी हो सकता है। ऐसी समस्याओं से घिरे होने का एहसास जिनका कोई साफ़ कारण न हो, दिल को भारी और मन को परेशान कर सकता है। शास्त्रों के अनुसार, ये मुश्किलें अक्सर नकारात्मकता, बुरी नज़र या खराब ग्रहों के असर, खासकर भगवान बृहस्पति देव (बृहस्पति) से जुड़ी हो सकती हैं, जो भाग्य और ज्ञान को नियंत्रित करते हैं।
🛞 किसी भक्त को ऐसे सभी संकटों (परेशानियों) से बचाने का एकमात्र सच्चा तरीका भगवान श्री विष्णु की दिव्य सुरक्षा है। इस अनुष्ठान में सुदर्शन हवन भी शामिल है, जो भगवान विष्णु का दिव्य अस्त्र है। सुदर्शन चक्र सिर्फ़ एक हथियार नहीं है; यह धर्म की स्थापना करने और अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु का अभिन्न अंग है। पुराणों में कहा गया है कि सुदर्शन चक्र ब्रह्मांड से किसी भी डर या खतरे को हटाने के लिए श्री विष्णु का मुख्य अस्त्र है। जब महान गजेंद्र (हाथियों का राजा) एक मगरमच्छ के चंगुल में फंस गया और बहुत दुख में भगवान से प्रार्थना की, तो सुदर्शन चक्र तुरंत प्रकट हुआ और उसे मुक्ति दी और उसके बंधन काटे।
🛞 यह कहानी इस बात की पुष्टि करती है कि जिस पल कोई भक्त सच में भगवान श्री विष्णु से सुरक्षा के लिए पुकारता है, चक्र तुरंत उसकी रक्षा के लिए आगे आता है। गुरुवार के पवित्र दिन यह रक्षा यज्ञ (खास सुरक्षा अनुष्ठान) करने से, आपके परिवार को एक पूरी आध्यात्मिक ढाल का लाभ मिल सकता है। इस अनुष्ठान में 16,000 बृहस्पति मूल मंत्र जाप ग्रहों के असर को शुद्ध करने और भाग्य को बढ़ाने में मददगार माना गया है, जबकि सुदर्शन हवन सीधे दुष्ट ताकतों को खत्म करने के लिए चक्र की शक्ति का आह्वान है। श्री विष्णु कवचम का 1,008 बार पाठ भक्त को दिव्य कवच की ओर अगसर कर सकता है, जिससे गहरी और स्थायी शांति संभव है।
श्री मंदिर के माध्यम से यह विशेष पूजा आपके जीवन में स्वास्थ्य, शांति और सुरक्षा के लिए दिव्य आशीर्वाद लाने की शक्ति रखती है।