जब हम समृद्धि और ज्ञान की ओर बढ़ते हैं, लेकिन लगातार असफलताएँ और उलझन हमारे रास्ते में बाधा डालती हैं, तो यह भक्त को हताश और भ्रमित महसूस करा सकती है। शास्त्रों के अनुसार, ऐसी लगातार विघ्न बाधाएँ और स्पष्ट निर्णय की कमी अक्सर उस दिव्य बुद्धि के अभाव से होती है, जो सभी प्रयासों का मार्गदर्शन करती है। हम अक्सर विघ्नहर्ता, सभी बाधाओं को दूर करने वाले भगवान श्री गणेश, की अनुमति लेने की भूल कर देते हैं। कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर यह पूजन और महायज्ञ इस दिव्य बुद्धि को आपके जीवन में जागृत करने और भगवान श्री गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए आयोजित किया जाता है।🪔
शास्त्रों में भगवान श्री गणेश की बुद्धिमत्ता की एक सुंदर कथा वर्णित है। एक बार भगवान श्री गणेश और उनके भाई, भगवान कार्तिकेय के बीच पूरी दुनिया का चक्कर लगाने की प्रतियोगिता हुई। जब भगवान कार्तिकेय मोर पर सवार होकर दुनिया का भौतिक रूप से भ्रमण करने निकले, तो भगवान श्री गणेश अपने माता-पिता, भगवान शिव और माता पार्वती के चारों ओर केवल एक चक्कर लगाया। जब पूछा गया क्यों, तो भगवान गणेश ने उत्तर दिया कि उनके लिए माता-पिता ही पूरे ब्रह्मांड का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह सिद्ध करता है कि सच्ची बुद्धि केवल क्रियाओं में नहीं, बल्कि गहरे सत्य को समझने में है। यही सर्वोच्च, अडिग बुद्धि उन्हें किसी भी मंगल कार्य में सबसे पहले पूज्य बनाती है।🪔
बुद्धि, धन और विद्या प्राप्ति पूजा और महायज्ञ के माध्यम से इस पवित्र दिन का पूजन तीन प्रकार की बाधाओं – भौतिक, दैवीय और सांसारिक को दूर करने के लिए किया जाता है, जिससे विद्या और धन आपके जीवन में आसानी से प्रवेश कर सकें।
✨ श्री मंदिर के माध्यम से यह विशेष पूजा आपके जीवन में ज्ञान, समृद्धि और सफलता लाने का अवसर प्रदान करती है, तो देर न करें अभी भाग लें।