भगवान शिव, जो योगियों के योगी हैं, केवल संहारक ही नहीं बल्कि करुणा, उपचार और उन्नति के देवता भी माने जाते हैं। उनकी तीसरी आँख मृत्यु को टालने, रोगों को शांत करने और भक्तों को भय से राहत की दिशा दिखाने की शक्ति रखती है। महामृत्युंजय मंत्र, सनातन धर्म का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली मंत्र है, जिसे जपने से रोग, भय और अकाल मृत्यु से रक्षा का आशीष प्राप्त होता है। यह मंत्र प्राचीन वेदों से जुड़ा हुआ है और माना जाता है कि इसके जाप से गहरी शांति, मानसिक शक्ति और दुखों से महादेव की दिव्य सुरक्षा संभव है।
इसी दिव्य भावना के साथ, श्री मंदिर द्वारा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में एक विशेष महामृत्युंजय महाअनुष्ठान आयोजित किया जा रहा है। इस अनुष्ठान में एक ही दिन में 1008 महामृत्युंजय मंत्र जाप किए जाएंगे। यह दुर्लभ अनुष्ठान भगवान शिव की कृपा से स्वयं और परिवार के लिए स्वास्थ्य, मन की शांति, सुरक्षा और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए फलदायी मानी जाती है।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग ही क्यों?
ओंकारेश्वर शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यहाँ की महिमा और वातावरण को अत्यंत पवित्र और उपचारकारी माना गया है। विशेष रूप से मार्गशीर्ष महीने के सोमवार को यहां महामृत्युंजय जाप करने से इसका फल और भी बढ़ जाता है। इस पूजा के दौरान पंचामृत रुद्राभिषेक भी होगा, जिसमें भगवान शिव को दूध, दही, घी, शहद और शक्कर जैसे पवित्र द्रव्यों से अभिषेक किया जाता है—जो पवित्रता और पोषण का प्रतीक है।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, पवित्र नर्मदा के तट पर स्थित है, जहाँ नदी का प्रवाह ‘ॐ’ के आकार में माना जाता है। पुराणों के अनुसार, राजा मंधाता ने यहीं कठोर तप करके अपने वंश को रोग और अशांति से मुक्त किया था। इसी कारण यह स्थान स्वास्थ्य और जीवन रक्षा की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
इस शुभ सोमवार को श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र अनुष्ठान में शामिल हों और भगवान शिव का संरक्षण एवं दिव्य आशीर्वाद पाएं ✨🙏🕉️