🛕 दस महाविद्याओं में से माँ बगलामुखी आठवीं देवी हैं, जो हानिकारक शक्तियों को नष्ट करने और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने की दिव्य शक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्हें शत्रु बुद्धि विनाशिनी भी कहा जाता है, जो शत्रुओं को शांत करती हैं और नकारात्मक प्रभावों को नियंत्रित करती हैं। इसी तरह मंगलदेव भक्तों के जीवन में मंगलकारी आशीर्वाद के प्रतीक हैं, जो भक्तों को नकारात्मकता और बाधाओं से बचा सकते हैं। इस बार पूर्णिमा और मंगलवार के संयोग में मां बगलामुखी और मंगलदेव की पूजा साहस, ऊर्जा और आत्मबल बढ़ाने वाली मानी गई है।
🌸 मां बगलामुखी और मंगलदेव का अनुष्ठान:
हिंदू धर्म में कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा का दिन अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना जाता है। इस पावन तिथि पर मां बगलामुखी और मंगलदेव की निशित काल में संयुक्त पूजा जीवन में सुरक्षा, साहस और स्थिरता का दिव्य आशीर्वाद दे सकती है। मां बगलामुखी शत्रु-बुद्धि-विनाशिनी मानी जाती हैं, जो नकारात्मक विचारों, बाधाओं और शत्रुता को शांत करती हैं। वहीं, मंगलदेव ऊर्जा, पराक्रम और निर्णय-शक्ति के अधिपति हैं, जिनकी कृपा से आत्मविश्वास और कार्यों में सफलता संभव है। इस दिन किए गए यज्ञ, हवन और मंत्र-जाप से मानसिक स्पष्टता बढ़ती है, भय दूर होता है और जीवन में विजय एवं संरक्षण का अनुभव होता है।
सनातन में कार्तिक पूर्णिमा के दिव्य काल में उग्र रक्षकों की संयुक्त उपासना का विशेष फल बताया गया है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि में देवताओं की कृपा पृथ्वी पर विशेष रूप से प्रकट होती है। इस दिन किए गए स्नान, दीपदान, दान और पूजा से पाप क्षय होता है, मानसिक बोझ कम होता है और जीवन में शांति, सुख और समृद्धि की दिशा मिल सकती है। यह तिथि नकारात्मक ऊर्जा के शमन और आध्यात्मिक उन्नति के लिए श्रेष्ठ मानी गई है। कार्तिक पूर्णिमा के निशित काल में यह अनुष्ठान उज्जैन के दो सिद्ध मंदिरों - मां बगलामुखी मंदिर, मंगलनाथ महादेव मंदिर में संपन्न होगा। इस स्वर्णिम अवसर को हाथ से न जाने दें।
🌸 श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र पूजा में शामिल हों और सभी प्रतिकूलताओं पर दिव्य सुरक्षा, शक्ति और विजय का आशीर्वाद पाएं।