⚖️ शनिवार बगलामुखी शनि कॉम्बो विशेष - शत्रुओं पर विजय और न्यायिक मामलों में सफलता 🙏🔱
जीवन की यात्रा में कई बार ऐसा होता है कि इंसान कानूनी उलझनों में फँस जाता है, षड्यंत्रों से घिर जाता है या शत्रुओं का लक्ष्य बन जाता है। ऐसे हालात प्रगति को रोकते हैं, मानसिक बल को कमजोर करते हैं, आर्थिक दबाव लाते हैं और आत्मविश्वास को डगमगा देते हैं। वैदिक परंपरा में इन संघर्षों को कर्म की परीक्षा माना गया है और शास्त्रों में इन्हें दूर करने के लिए शक्तिशाली उपाय बताए गए हैं। इन्हीं में से माँ बगलामुखी और भगवान शनि की संयुक्त पूजा को विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है।
शुक्ल पक्ष द्वादशी, 4 अक्टूबर 2025 (शनिवार) को श्री मंदिर की ओर से एक पवित्र अनुष्ठान होगा, जिसमें इन दोनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु विशेष पूजन किया जाएगा:
🔹 माँ बगलामुखी तंत्र युक्त हवन: शत्रुओं को शांत करने, नकारात्मक प्रभावों को हटाने और कानूनी व व्यक्तिगत चुनौतियों का सामना करने का साहस देने के लिए।
🔹 शनि तिल-तेल अभिषेक: शनि के कठोर प्रभाव को शांत करने, कर्मजन्य बोझ को हल्का करने और न्याय, धैर्य व स्थिरता प्राप्त करने के लिए।
📿 यह पूजन क्यों विशेष है?
माँ बगलामुखी, जो दस महाविद्याओं में आठवीं हैं, “स्तंभन शक्ति” की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। तांत्रिक हवन के माध्यम से उनका आह्वान कर भक्त षड्यंत्रों से बचाव, मन की एकाग्रता और इच्छाशक्ति को मजबूत करने की प्रार्थना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि माँ की कृपा से वाणी और विचारों में स्पष्टता आती है और विवादों से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
भगवान शनि, जिन्हें ‘कर्मफल दाता’ कहा जाता है, शनिवार के दिन तिल-तेल अभिषेक से प्रसन्न किए जाते हैं। उनकी कृपा से जीवन में धैर्य, संतुलन और न्याय की स्थापना होती है। मान्यता है कि शनि की उपासना से लम्बे समय से चल रहे कानूनी विवादों से राहत और शत्रु भय से मुक्ति मिल सकती है।
जब ये दोनों अनुष्ठान साथ किए जाते हैं, तो यह दिव्य ऊर्जा का संगम बनाते हैं, जो बाधाओं को दूर करने, गुप्त और प्रकट शत्रुओं से सुरक्षा देने और न्यायपूर्ण विजय की ओर मार्गदर्शन करने वाला माना जाता है।
✨ श्री मंदिर के माध्यम से इस शनिवार बगलामुखी-शनि कॉम्बो विशेष पूजा में भाग लें और जीवन में सुरक्षा, साहस और सफलता की प्रार्थना करें