🙏 जीवन के अनेक संघर्ष अक्सर हमारे पिछले कर्मों के परिणामस्वरूप आते हैं। विशेषकर वे पाप, जो कई जन्मों में संचित हो चुके होते हैं, हमारे आध्यात्मिक विकास और भौतिक समृद्धि के मार्ग में बाधा बन जाते हैं। एकादशी, जो भगवान विष्णु को समर्पित एक पवित्र तिथि है, इन पापों के शुद्धिकरण के लिए अत्यंत शक्तिशाली अवसर मानी जाती है। श्रद्धा और भक्ति से पाप नाशक एकादशी का व्रत करने से संचित पापों का नाश होता है और जीवन में समृद्धि, शांति और संतोष प्राप्त होता है।
🌸 पाप नाशक एकादशी विशेष महत्व रखती है क्योंकि ऐसा माना गया है कि यह पिछले जन्मों के भी पापों को धो देती है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है। पद्म पुराण में एक कथा आती है विंध्याचल पर्वत पर रहने वाला एक शिकारी क्रोधन पापमय और हिंसक जीवन जीता था। मृत्यु के समीप आने पर वह अपने पापों से भयभीत हो गया और ऋषि अंगिरा के पास गया। उन्होंने उसे पाप नाशक एकादशी व्रत करने की सलाह दी। क्रोधन ने भक्ति भाव से व्रत किया, जिससे उसके सारे पाप नष्ट हो गए और मृत्यु के बाद वह स्वर्गलोक को प्राप्त हुआ।
✨ यह कथा इस बात का प्रमाण है कि पाप नाशक एकादशी अत्यंत गंभीर पापों को भी नष्ट कर सकती है। इस दिन किए गए पूजन से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, जो बाधाओं को दूर कर आत्मा को शुद्ध करती है और जीवन में समृद्धि तथा शांति का संचार करती है।
🌸 श्री दीर्घ विष्णु मंदिर, मथुरा में संपन्न यह विशेष अनुष्ठान अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में की गई पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। इस एकादशी पर की जाने वाली सत्यनारायण कथा और हवन के माध्यम से भगवान विष्णु की दिव्य उपस्थिति का आह्वान किया जाता है। हवन में पवित्र सामग्री अग्नि में अर्पित की जाती है, जो नकारात्मक ऊर्जाओं को समर्पण का प्रतीक है, वहीं कथा का श्रवण भगवान विष्णु की कृपा को और भी सशक्त बनाता है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में सम्मिलित होकर भगवान विष्णु के आशीर्वाद को आमंत्रित करें और अपने जीवन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक संतोष का अनुभव करें।