🌸 पापांकुशा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित अत्यंत पुण्यदायी तिथि है। मान्यता है कि इस दिन विष्णु जी की विधिवत पूजा करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति संभव है और पिछले जन्मों के पाप नष्ट हो सकते हैं। पद्म पुराण और विष्णु पुराण में इसका विशेष महत्व बताया गया है कि इस एकादशी अनुष्ठान से न सिर्फ वर्तमान, बल्कि 7 जन्मों तक के पाप नष्ट हो जाते हैं और भगवान विष्णु की अनंत कृपा मिलती है। भक्त इस दिन व्रत रखकर भी श्री विष्णु का ध्यान, तुलसी पत्र से पूजन इत्यादि करते हैं। इस एकादशी श्री मंदिर द्वारा 108 विष्णु सहस्रनाम पाठ और पाप नाशक महायज्ञ होने जा रहा है, जिसमें भाग लेकर आप जीवन में नए और बड़े बदलाव का आशीर्वाद पा सकते हैं।
🌸 एकादशी पर 108 बार विष्णु सहस्रनाम पाठ करना अत्यंत शुभ और कल्याणकारी साधना मानी गई है। सहस्रनाम में भगवान विष्णु के हजारों नामों का संकलन है, जो उनके अनंत स्वरूप, गुण और शक्तियों का स्मरण कराता है। जब आपके नाम-गोत्र के साथ विद्वान इसे 108 बार श्रद्धा और भक्ति से जपते हैं तो उनके भीतर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति में बदलने लगती है। शास्त्रों में वर्णन है कि सहस्रनाम पाठ से जीवन के संकट, बाधाएँ और दुख दूर हो सकते हैं, साथ ही पिछले पाप पुण्य में बदल सकते हैं।
🌸 एट्टेलुथुपेरुमाल मंदिर में पाप नाशक महायज्ञ
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली स्थित एट्टेलुथुपेरुमाल मंदिर में पाप नाशक महायज्ञ का आयोजन अत्यंत दिव्य और कल्याणकारी माना गया है। यह मंदिर भगवान विष्णु के पवित्र स्वरूप को समर्पित है, जहां की पूजा से जीवन के कष्ट और 7 जन्मों तक के पापों का नाश हो सकता है। इस महायज्ञ में वेद मंत्रों की ध्वनि, हवन कुंड में आहुतियाँ और तुलसी-दल अर्पण से वातावरण शुद्ध और ऊर्जावान बनता है। शास्त्रों के अनुसार, इस अनुष्ठान में भाग लेने से पाप जल्द से जल्द क्षीण होते हैं, पूर्वजों का आशीष मिलता है और भक्तों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की दिशा मजबूत होती है।
🔔 श्री मंदिर द्वारा एकादशी पर आयोजित होने जा रहे 108 विष्णु सहस्रनाम पाठ और पाप नाशक महायज्ञ में भाग लेने का शुभ अवसर हाथ से न जाने दें।