हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी बेहद पावन और पारिवारिक आनंद का आशीर्वाद पाने की शुभ तिथि मानी गई है। इस दिन भगवान श्री विष्णु 4 महीने की चातुर्मास की योगनिद्रा से जागृत होते हैं। भगवान के इस जागरण के साथ ही संसार में फिर से शुभता और मंगल ऊर्जा का संचार होता है। इसी दिन से विवाह, गृह प्रवेश, नए कार्यों की शुरुआत जैसे सभी मंगल कार्य प्रारंभ किए जाते हैं। भगवान विष्णु की आराधना का यह सबसे शुभ दिन माना गया है, जिसमें नवग्रह शांति पूजा की ऊर्जा जुड़ती है तो अनुष्ठान कई गुना फलदायी हो जाता है।
बीते कुछ महीनों में यदि आपके जीवन या परिवार में रुकावटें, गलतफहमियां या ठहराव महसूस हुआ हो, तो उसका कारण नवग्रहों का अशुभ प्रभाव हो सकता है। देवउठनी एकादशी का यह शुभ अवसर घर और जीवन में आध्यात्मिक संतुलन स्थापित करने का श्रेष्ठ मुहूर्त माना गया है। इसी उद्देश्य से इस दिन श्री सत्यनारायण कथा और नवग्रह शांति पूजा करने का विशेष महत्व है। इस बार यह अनुष्ठान विद्वान पुरोहितों द्वारा मथुरा के श्री दीर्घ विष्णु मंदिर में होने जा रहा है।
✨ सत्यनारायण कथा का महात्म्य:
यह कथा स्वयं भगवान विष्णु की लीला है, जिसे उन्होंने सभी प्राणियों के कल्याण के लिए नारद मुनि को बताई थी। पुराणों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति — चाहे गरीब ब्राह्मण हो, लकड़हारा हो या राजा — यदि श्रद्धा और भक्ति से यह कथा सुनता है, तो वह अपने जीवन की बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को पार कर सकता है। यह पूजा परिवारिक शांति, आर्थिक स्थिरता और आपसी प्रेम को घर में फिर से स्थापित करने वाली मानी गई है।
✨ नवग्रह शांति पूजा:
देवउठनी एकादशी के दिन जब भगवान विष्णु का जागरण होता है, उसी समय नवग्रह शांति पूजा करने से ग्रहों के दुष्प्रभाव शांत होते हैं और जीवन में नई शुभ शुरुआत संभव है। यह पूजा व्यक्ति के मार्ग में आ रही बाधाओं को दूर कर सभी ग्रहों के स्वामी श्री विष्णु से स्वास्थ्य, सुख और सफलता का आशीर्वाद दिला सकती है।
इस पावन अवसर पर मथुरा स्थित प्राचीन दीर्घ विष्णु मंदिर में श्री सत्यनारायण कथा और नवग्रह शांति पूजा का आयोजन किया जा रहा है। कथा में भगवान को प्रसाद और विधिवत भोग अर्पित कर परिवार की समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना की जाएगी। श्री मंदिर के माध्यम से इस देवउठनी एकादशी पर इस विशेष पूजा में शामिल होकर भगवान विष्णु के आशीर्वाद से घर में शांति, समृद्धि और पारिवारिक सुख का स्वागत करें।