एक माता-पिता की सबसे बड़ी इच्छा यही होती है कि उनका बच्चा हमेशा खुश, स्वस्थ और सुरक्षित रहे। आज के समय में, बच्चों की सुरक्षा और उनके भविष्य को लेकर चिंतित होना स्वाभाविक है। यह निरंतर, स्नेह से भरी चिंता ही माता-पिता के प्रेम का सबसे गहरा रूप है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि शुभ अवसरों पर की गई विशेष प्रार्थनाएँ दैवीय कृपा का कवच बनाती हैं। ऐसा ही एक अत्यंत पवित्र अवसर है देवउठनी एकादशी, जब भगवान श्री विष्णु अपनी योगनिद्रा से जागते हैं। इस दिन भगवान के बालरूप संतान गोपाल या लड्डू गोपाल की पूजा को संतान के कल्याण के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है।
पुराणों में अनेक प्रसंग मिलते हैं जहाँ भक्तों ने श्रद्धा और भक्ति से भगवान श्रीकृष्ण की आराधना कर संतान सुख या संतान की रक्षा का आशीर्वाद प्राप्त किया। संतान गोपाल मंत्र इन्हीं प्राचीन परंपराओं से उत्पन्न हुआ एक पवित्र मंत्र है। ऐसा माना जाता है कि यह मंत्र स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया था, जो अपने भक्तों को संतान की सुरक्षा और सुख का दिव्य वचन देता है। श्रद्धा और निर्मल हृदय से इस मंत्र का जाप करने से ऐसा माना जाता है कि भगवान स्वयं अपने बालरूप में प्रकट होकर संतान की रक्षा करते हैं, उनके जीवन से कष्ट और विघ्न दूर करते हैं।
इस पवित्र देवउठनी एकादशी के अवसर पर, एटेलुथुपेरुमाल मंदिर में आपके परिवार के कल्याण हेतु विशेष पूजा संपन्न की जाएगी। सबसे पहले भगवान लड्डू गोपाल का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा जिसमें दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से भगवान का स्नान कराया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि यह अभिषेक नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर जीवन में मधुरता और मंगलता लाता है। इसके पश्चात् पुजारीगण संतान गोपाल मंत्र का 11,000 बार जाप करेंगे। प्रत्येक मंत्र उच्चारण आपके बच्चे की रक्षा, सुख और सफलता के लिए एक सच्ची प्रार्थना होगी, जिससे भगवान श्री विष्णु की कृपा उनके जीवन में स्थायी रूप से बनी रहे।
श्री मंदिर के माध्यम से कराई जाने वाली यह विशेष पूजा आपके बच्चे की सुरक्षा, स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य के लिए भगवान संतान गोपाल के दिव्य आशीर्वाद का माध्यम बनती है।