🕉️ देवउठनी एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, जो भगवान विष्णु के चार महीने की योगनिद्रा समाप्त होने का पावन दिन है। चातुर्मास के दौरान विवाह और अन्य मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं और इस दिन से सभी शुभ कार्यों की दोबारा शुरुआत होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस एकादशी को व्रत और पूजन करने से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति की दिशा मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि संभव है। भक्त इस दिन विष्णु जी के स्वरूप श्री कृष्ण की भी आराधना करते हैं, जिसमें संतान गोपाल मंत्र और पुत्र कामेष्टि हवन जैसी फलदायी पूजा भी शामिल हैं। मान्यता है कि इस ख़ास दिन विधिवत अनुष्ठान से परिवार के बच्चों की समृद्धि और उनके कल्याण के रास्ते खुलते हैं।
🕉️ सनातन परंपरा में पुत्र कामेष्टि हवन एक अत्यंत पवित्र वैदिक अनुष्ठान है, जो योग्य संतान प्राप्ति की कामना से किया जाता है। इसका उल्लेख ऋग्वेद और रामायण में मिलता है, जहाँ राजा दशरथ ने इसी यज्ञ के माध्यम से भगवान राम को पुत्र रूप में पाया था। इस हवन में विष्णु जी, अग्नि और ब्रह्मा जी का आह्वान कर पवित्र अग्नि में विशेष औषधियों, तिल, घृत और हवन समग्र से आहुति दी जाती है। संतति सुख, वैवाहिक सौहार्द और पारिवारिक पूर्णता के लिए यह अनुष्ठान अत्यंत फलदायी माना गया है। श्रद्धा और विधि से की गई यह महापूजा जीवन में वर्षों से अटके पड़े रास्तों को उन्नति की ओर मोड़ सकती है।
🕉️ इस अनुष्ठान में शामिल संतान गोपाल मंत्र जाप भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप ‘गोपाल जी’ को समर्पित एक अत्यंत फलदायी साधना है। यह जाप उन दंपतियों के लिए शुभ माना गया है, जो संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं या अपने बच्चों के स्वास्थ्य, बुद्धि और सुखद भविष्य के लिए चिंतित रहते हैं। यह मंत्र है ‘ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते, देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः’ , इस मंत्र के नियमित जाप से मानसिक शांति, दांपत्य सामंजस्य और संतान-कल्याण की दिशा संभव है। श्रद्धा, भक्ति और शुद्ध आचरण से किया गया यह अनुष्ठान जीवन में नए बदलाव लाने की शक्ति रखता है। इस बार यह महापूजा तमिलनाडु के एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में होने जा रही है, जो अपने आप में स्वर्णिम अवसर है। यहां न सिर्फ कृष्ण-विष्णु जी, बल्कि कई देवों की संयुक्त पूजा की परंपरा है, जो स्थल को अद्वितीय बनाती है।
🔔 श्री मंदिर द्वारा पुत्र कामेष्टि हवन एवं संतान गोपाल मंत्र जाप में भाग लें और आपके बच्चों की समृद्धि और कल्याण के लिए दिव्य आशीर्वाद की कामना करें।