कभी-कभी हमारे सामने आने वाली परेशानियाँ केवल इस जन्म की नहीं होतीं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, हम पिछले जन्मों के कर्ज़ और अपने पूर्वजों से मिले बोझ (पित्र ऋण) अपने साथ ले जाते हैं। ये अदृश्य कर्मों के ऋण हमारे जीवन में अवरोध पैदा कर सकते हैं, जो हमारी सफलता, स्वास्थ्य और मानसिक शांति को प्रभावित करते हैं। यह लगातार संघर्ष, अकारण बीमारियाँ या गहरी असंतोष के रूप में सामने आ सकते हैं।
सौभाग्य से, इससे राहत पाने का एक दिव्य उपाय है। यह महापूजा जोकि भगवान शिव और भगवान श्री राहु से प्रार्थना का पवित्र माध्यम है, जिससे हम इन भारी कर्मबद्ध कर्ज़ से राहत पा सकते हैं। शिव, जिन्हें ऋण-मोक्षेश्वर कहा जाता है, सर्वोच्च राहतदाता हैं जो सभी प्रकार के कर्ज़ से राहत प्रदान करते हैं। वहीं राहुदेव एक छायादार ग्रह, पिछले कर्मों के परिणाम दिखाते हैं और अक्सर अचानक चुनौतियाँ लाते हैं। पुराणों के अनुसार, केवल भगवान शिव ही राहु की अप्रत्याशित और तीव्र ऊर्जा को नियंत्रित कर सकते हैं। रुद्राभिषेक के माध्यम से हम भगवान शिव की करुणामयी रूप में पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद से राहु के प्रभावों को शांत करने तथा हमारे कर्मबद्ध कर्ज़ को कम करने की प्रार्थना करते हैं।
✨ कर्मबद्ध कर्ज़ से राहत के तीन प्रमुख उपाय ✨
शिव ऋण मोचन रुद्राभिषेक – भगवान शिव को पवित्र जल और सामग्री से स्नान कराया जाता है, साथ ही विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है ताकि कर्मों के कर्ज़ की जंजीरों को तोड़ा जा सके।
राहु शांति महापूजा – इस पूजा में भगवान श्री राहु की ऊर्जा को शांत किया जाता है, जिससे उनकी चुनौतीपूर्ण शक्ति आशीर्वाद में बदल जाती है।
108 दीप दान – 108 दीपक जलाने से पूर्वजों के मार्ग को रोशन किया जाता है। जिससे उनकी आत्मा को राहत मिल सकती है और आपके पुराने कर्म शुद्ध हो सकते हैं, जिससे मानसिक शांति, स्पष्टता और आध्यात्मिक राहत मिलती है।
इस महापूजा के माध्यम से भक्त दिव्य मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं, पूर्वजों के कर्ज़ को हल कर सकते हैं, कर्मबद्ध ऋण संतुलित कर सकते हैं और जीवन में शांति व स्थिरता पा सकते हैं। श्री मंदिर के माध्यम से यह विशेष पूजा दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने और कर्मबद्ध बोझ से राहत दिलाने में मदद कर सकती है।