✨ आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में धन अर्जित करना और अपनी आजीविका को सुरक्षित बनाना ही सच्ची शांति और सफलता की कुंजी है। परंतु जब जीवन की चुनौतियाँ बढ़ जाती हैं, तो मार्ग धुंधला लगने लगता है। ऐसे समय में धन के संरक्षक भगवान कुबेर और माँ लक्ष्मी की कृपा मार्गदर्शक बनती है।
यह विशेष अनुष्ठान आयुध पूजा की परंपरा से जुड़ा है, जो नवरात्रि के दौरान मनाई जाती है। इस दिन हम अपने कामकाज और आजीविका के साधनों का पूजन करते हैं ताकि वे दिव्य ऊर्जा से संपन्न होकर हमें सफलता और समृद्धि की ओर अग्रसर करें।
🌸 इस शुभ नवमी पर, कुबेर की नौ निधियों (नव निधि) को आह्वान करने के लिए एक विशेष महायज्ञ आयोजित किया जाएगा। माना जाता है कि ये नौ निधियाँ जीवन में भौतिक समृद्धि और धन आकर्षण के लिए अत्यंत शक्तिशाली होती हैं। 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप के साथ किया गया यह अनुष्ठान न केवल धन को आकर्षित करता है बल्कि दीर्घकालिक आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करता है।
📿 शास्त्रों में भगवान कुबेर को सभी प्रकार के धन और समृद्धि का अधिपति बताया गया है। जब भगवान कुबेर किसी भक्त पर कृपा करते हैं, तो उसके व्यवसाय, पेशे या रोज़मर्रा की आजीविका के साधन दिव्य ऊर्जा से भर जाते हैं और धन सृजन की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।
💫 यह पूजा नवमी के दिन किए जाने पर और भी प्रभावशाली हो जाती है क्योंकि यह दिन आयुध पूजा से जुड़ा है वह समय जब हमारे कामकाज के उपकरण दिव्य आशीर्वाद से सशक्त होते हैं। माँ लक्ष्मी और भगवान कुबेर को साथ में आमंत्रित करने से समृद्धि, स्थिरता और शांति का शक्तिशाली संगम बनता है।
📿 कुबेर महायज्ञ की 9 पवित्र आहुतियाँ नौ निधियों का आह्वान करती हैं, जिनमें से प्रत्येक धन और समृद्धि के अलग-अलग रूपों का प्रतिनिधित्व करती है। इनके साथ किया गया महालक्ष्मी मंत्र जाप समृद्धि की ऊर्जा को और अधिक प्रबल बनाता है, जिससे आपके कार्यक्षेत्र का हर क्षेत्र आशीर्वादित होता है।
✨ श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य अनुष्ठान में भाग लेकर आप धन, ज्ञान और समृद्धि की दिव्य शक्तियों से सीधे जुड़ सकते हैं। यह पूजा आपके जीवन में अपार समृद्धि, सुरक्षा और उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करे।