🪈 मथुरा में हर साल उत्साह के साथ कंस वध उत्सव मनाया जाता है। यह उत्सव भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अत्याचारी राजा कंस का अंत कर धर्म और न्याय की स्थापना की स्मृति में मनाया जाता है। कार्तिक शुक्ल दशमी तिथि पर मथुरा के विशेष मंदिरों में आरती, भजन-कीर्तन, झांकियां और रास-लीला का आयोजन होता है। भगवान कृष्ण के बाल रूप और योद्धा रूप की झांकियां नगर में शोभा यात्रा के रूप में निकाली जाती हैं। भक्त इस अवसर को अधर्म पर धर्म की विजय और अन्याय पर सत्य की जीत के रूप में मनाते हैं। यह उत्सव मथुरा की सांस्कृतिक आत्मा और कृष्ण भक्ति का जीता-जागता प्रतीक है। इस शुभ अवसर पर मथुरा के श्री राधा रमण मंदिर में धर्म विजय अभिषेक और दिव्य धनुर्यज्ञ विजय अनुष्ठान होने जा रहा है, जो इस साल का स्वर्णिम अवसर है।
🪈 मथुरा में श्री कृष्ण धर्म विजय अभिषेक की बड़ी मान्यता है। यह श्रीकृष्ण की उस दिव्य लीला का स्मरण है, जब कंस के वध के बाद उन्होंने धर्म, सत्य और न्याय की पुनर्स्थापना की। इस अवसर पर मथुरा के मंदिरों में श्रीकृष्ण का अभिषेक, विशेष पूजन, भजन-कीर्तन और धनुर्यज्ञ विजय अनुष्ठान जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस अभिषेक में दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से भगवान का अभिषेक कर ‘धर्म की विजय’ का उत्सव मनाया जाता है। यह अभिषेक न केवल अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि जब-जब संसार में अन्याय बढ़ता है, तब श्रीकृष्ण अवतार लेकर धर्म की रक्षा करते हैं।
🪈 साथ ही दिव्य धनुर्यज्ञ विजय अनुष्ठान भगवान श्रीकृष्ण द्वारा धनुष तोड़कर अत्याचारी कंस के सामर्थ्य और अहंकार को चुनौती देने की स्मृति में मनाया जाने वाला पवित्र अनुष्ठान है। शास्त्रों में यह घटना केवल एक प्रतियोगिता नहीं थी, बल्कि धर्म की स्थापना और अन्याय के अंत की घोषणा थी। इस अनुष्ठान में भगवान का पंचामृत अभिषेक, नामस्मरण, गीता पाठ और भजन-कीर्तन भी शामिल किया जाता है। इस महापूजा के माध्यम से भक्त अपने जीवन से भय, संदेह और अन्याय का अंत करने की प्रार्थना करते हैं। विद्वान पुरोहितों द्वारा मथुरा के श्री राधा रमण मंदिर में होने जा रहा यह अनुष्ठान हमें यह संदेश देता है कि जो मनुष्य धर्म, साहस और सत्य के मार्ग पर चलता है, वही सच्ची विजय प्राप्त करता है। यह सिर्फ एक पूजा नहीं, बल्कि हिंदू धर्म के प्रसार का दिव्य माध्यम भी है।
श्री मंदिर द्वारा मथुरा में कृष्ण धर्म विजय अभिषेक और दिव्य धनुर्यज्ञ विजय अनुष्ठान में भाग लें और श्री कृष्ण का दिव्य आशीर्वाद पाकर पुण्य के भागी बनें।